सात नदियों का जल और बालू से बनी है प्रतिमा समिति के सदस्यों ने बताया कि भगवान भोलेनाथ की 11 फिट ऊंची प्रतिमा के निर्माण में विशेष रूप से नर्मदा , तवा , बेतवा , ताप्ती , गंगा , यमुना सहित नर्मदा की अन्य सहायक नदियों के जल का उपयोग प्रतिमा निर्माण में किया गया है तथा इन सभी नदियों की बालू एकत्र कर प्रतिमा निर्माण में लगाई गई है।
सप्तधारा के पत्थरों से बनाया पहाड़ भोलेनाथ की प्रतिमा में पहाड़ का निर्माण नर्मदा नदी के तट स्थित सप्तधारा के पत्थरों से किया गया है। उज्जैन से बुलाई गई विशेष भस्मी भी मूर्ति निर्माण के दौरान उपयोग की गई है। मूर्ति का निर्माण मूर्तिकार सीताराम द्वारा किया गया है। इस दौरान अंकिता नगर में भव्य भोलेनाथ की बारात भी निकली और दिन में अभिषेक हुआ। भगवान शंकर की प्रतिमा का अनावरण मोहल्ले की कन्याओ द्वारा सम्पन्न हुआ। महाआरती से साथ साथ 1001 दीपो से की गई ओर महाप्रसाद का वितरण किया गया।