पुरुषोत्तम मास में भागवत कथा और राम कथा कराना ज्यादा लाभदायी
विद्वानों का कहना है मलमास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस मास को भगवान कृष्ण ने पुरुषोत्तम मास नाम दिया है। मलमास में खीर आदि बांटा जाता है। सूर्य जब गुरु की राशि में प्रवेश करता है तो उसका बल कमजोर हो जाता है। शुभ कार्य में सूर्य का बलवान होना जरूरी है। वैसे इस मास में रामकथा, भागवत कथा कराना ज्यादा फलदायी रहती है। कीर्तन-संकीर्तन, दान-पुण्य आदि किया जाना चाहिए।
विद्वानों का कहना है मलमास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस मास को भगवान कृष्ण ने पुरुषोत्तम मास नाम दिया है। मलमास में खीर आदि बांटा जाता है। सूर्य जब गुरु की राशि में प्रवेश करता है तो उसका बल कमजोर हो जाता है। शुभ कार्य में सूर्य का बलवान होना जरूरी है। वैसे इस मास में रामकथा, भागवत कथा कराना ज्यादा फलदायी रहती है। कीर्तन-संकीर्तन, दान-पुण्य आदि किया जाना चाहिए।
2020 में 53 विवाह के शुभ मुहूर्त –
नए साल में वर्ष 2019 के मुकाबले 5 मुहूर्त कम होंगे। वर्ष 2019 में शादी-विवाह के लिए 58 शुभ मुहूर्त थे, लेकिन आगामी नए साल में 53 दिन मुहूर्त रहेंगे। 2019 में दिसंबर में 8, 11 व 12 दिसंबर को शुभ मुहूर्त हैं। इसके बाद 15 जनवरी से शादियों का सीजन फिर से शुरू होगा।
मलमास में नहीं करते विवाह जैसे मांगलिक कार्य
मलमास में सूर्य धनु राशि में रहता है। धनु और मीन राशि में होने पर सूर्य कमजोर हो जाता है। विवाह के लिए सूर्य का मजबूत स्थिति में रहना जरूरी है। माना जाता है कि सूर्य के धनु राशि में होने पर जो भी मांगलिक कार्य किए जाते हैं उनका पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता है। मलमास या खरमास खत्म होने के बाद ही विवाह जैसे मांगलिक कार्य करते हैं।