scriptट्रेेनों में हो रही सागौन की तस्करी, कभी बन सकती है हजारों यात्रियों के लिए मुसीबत, जानें कैसे | Teak smuggling in trains | Patrika News

ट्रेेनों में हो रही सागौन की तस्करी, कभी बन सकती है हजारों यात्रियों के लिए मुसीबत, जानें कैसे

locationहोशंगाबादPublished: Oct 12, 2019 11:43:50 am

Submitted by:

Rahul Saran

मिडघाट से बुदनी के जंगलों से लकड़ी ट्रेन में रखकर प्लेटफॉर्म आने से पहले गिरा दी जाती हैं

ट्रेेनों में हो रही सागौन की तस्करी, कभी बन सकती है हजारों यात्रियों के लिए मुसीबत, जानें कैसे

ट्रेेनों में हो रही सागौन की तस्करी, कभी बन सकती है हजारों यात्रियों के लिए मुसीबत, जानें कैसे

राहुल शरण, होशंगाबाद/मिडघाट से बुदनी के बीच जंगल से सागौन की लकड़ी काटकर ट्रेनों से उसकी तस्करी हो रही है। जिसे होशंगाबाद आउटर पर चलती ट्रेन से गिराकर दिया जाता है। ऐसा करने से ट्रेन के डिरेलमेंट का भी खतरा हो सकता है। सागौन की लकड़ी की तस्करी का यह काम लंबे समय से दिनदहाड़े चलना रेलवे और वन विभाग की कार्यप्रणाली को भी कटघरे में खड़ा कर रहा है। घटनाक्रम का पत्रिका के पास वीडियो भी सुरक्षित है।
झांसी-नागपुर पैसेंजर को चुना
जंगल से बल्लियों की सूरत में सागौन की लकड़ी का परिवहन करने में लगे लोगों ने 51828 झांसी-नागपुर पैसेंजर को चुना है। इसमें ना तो कोई सुरक्षाकर्मी रहता है ना ही किसी कोई चिंता। जंगल से लकड़ी लाकर उसे ट्रेन के दरवाजे के पीछ या फिर शौचालय के पास छिपा दिया जाता है।
यहां रुकती है ट्रेन
51828 झांसी-नागपुर पैसेंजर सुबह करीब 10.20 बजे चौका केबिन के खंभा नंबर 783/7 पर रुकती है। इसके रुकते ही ट्रेक के किनारे लकडि़यां लेकर खड़े लोग उसे कोचों में चढ़ा देते हैं। इस काम में करीब १० से १५ लोग लगे हैं। हर दिन होने वाली तस्करी में जीआरपी व आरपीएफ ने आंखें मूंद रखी हैं।

खतरे में डाल रहे सुरक्षा
चौका केबिन से ट्रेन छूटने के बाद ट्रेन जब करीब 50 से 60 किमी की स्पीड में आ जाती है तो लकड़ी लाने वाले लोग उसे दरवाजे पर जमा लेते हैं। होशंगाबाद स्टेशन का प्लेटफॉर्म आने से करीब 100 से 150 मीटर पहले ये लोग तेजी से चल रही ट्रेन से लकड़ी की बल्लियां गिराते हैं। यह बल्लियां यदि किसी दिन चलती ट्रेन के नीचे आ गई तो कोच बेपटरी भी हो सकते हैं जिसमें यात्रियों के साथ जानलेवा हादसा हो सकता है।

टीम नियमित जांच करती है
हमने फ्लाइंग स्क्वाड की टीम लगा रखी है। टीम नियमित चेकिंग करती है। लकड़ी लाने वाले टीम देखकर भीड़ में गुम हो जाते हैं इसलिए उन्हें पकडऩा मुश्किल होता है। हम मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और उम्मीद है कि इसमें लगे लोगों को जल्द पकड़ लेंगे।
अजय पांडे, डीएफओ होशंगाबाद
हम सीधे तौर पर कार्रवाई नहीं कर सकते
हमारी जांच टीम नियमित कार्रवाई करती है। जैसे ही सूचना मिलती है तत्काल कार्रवाई भी करते हैं। जिस जगह से लकड़ी लाई जाती है वहां पर वन विभाग का क्षेत्र है हम सीधे तौर पर वहां कार्रवाई नहीं कर सकते हैं।
धर्मेंद्र सिंह राजपूत, चौकी प्रभारी आरपीएफ होशंगाबाद
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो