ऐसे हुई मौत
मृतका के पिता रंगीलाल आदिवासी ने बताया कि वह मंगलवार से सोहागपुर अस्पताल में हैं। यहां उल्टी-दस्त के कारण उनकी पत्नी पत्नि सिनिया बाई भर्ती है। शुक्रवार सुबह बेटी रजनी की तबियत बिगड़ गई। उसे उल्टी-दस्त होने पर अस्पताल लाया गया था, जहां उसकी मौत हो गई है।
मृतका के पिता रंगीलाल आदिवासी ने बताया कि वह मंगलवार से सोहागपुर अस्पताल में हैं। यहां उल्टी-दस्त के कारण उनकी पत्नी पत्नि सिनिया बाई भर्ती है। शुक्रवार सुबह बेटी रजनी की तबियत बिगड़ गई। उसे उल्टी-दस्त होने पर अस्पताल लाया गया था, जहां उसकी मौत हो गई है।
विधायक पहुंचे मिलने
उनकी पत्नि के साथ बेटा किशन तथा पोती दुर्गा बाई अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं। सभी को एक जैसी शिकायत है। चिकित्सकों का कहना है कि रजनी अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो चुकी थी। वहीं गोहनादेह की ही निवासी करीब 19 वर्षीय रामवती बाई भी उल्टी व दस्त के कारण अस्पताल में भर्ती है। सूचना मिलते ही विधायक विजयपाल अस्पताल पहुंचे और पीडि़तों का हाल चाल जान चिकित्सकों से उपचार के बारे में जानकारी ली।
उनकी पत्नि के साथ बेटा किशन तथा पोती दुर्गा बाई अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं। सभी को एक जैसी शिकायत है। चिकित्सकों का कहना है कि रजनी अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो चुकी थी। वहीं गोहनादेह की ही निवासी करीब 19 वर्षीय रामवती बाई भी उल्टी व दस्त के कारण अस्पताल में भर्ती है। सूचना मिलते ही विधायक विजयपाल अस्पताल पहुंचे और पीडि़तों का हाल चाल जान चिकित्सकों से उपचार के बारे में जानकारी ली।
रास्ता खराब होने से रास्ते में छोड़ी गाडिय़ां
बीएमओ डॉ. गौर ने बताया कि रजनी की मौत और अन्य लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत के चलते शुक्रवार को गोहनादेह में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। जहां जांच में तीन लोग सामान्य उल्टी व दस्त और कुछ लोग मौसमी बुखार से पीडि़त मिले। गोहनादेह जाने का रास्ता कच्चा और कीचड़ वाला था। इसलिए बीएमओ, तहसीलदार पुष्पेंद्र निगम तथा स्वास्थ्यकर्मी आधे रास्ते मेें अपने वाहन छोड़कर ट्रैक्टर-ट्राली में सवार होकर पहुंचे।
बीएमओ डॉ. गौर ने बताया कि रजनी की मौत और अन्य लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत के चलते शुक्रवार को गोहनादेह में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। जहां जांच में तीन लोग सामान्य उल्टी व दस्त और कुछ लोग मौसमी बुखार से पीडि़त मिले। गोहनादेह जाने का रास्ता कच्चा और कीचड़ वाला था। इसलिए बीएमओ, तहसीलदार पुष्पेंद्र निगम तथा स्वास्थ्यकर्मी आधे रास्ते मेें अपने वाहन छोड़कर ट्रैक्टर-ट्राली में सवार होकर पहुंचे।