इसके लिए राजस्व अधिकारी संघ ने गुरूवार को मुख्यसचिव के नाम पर कलेक्टर शीलेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपकर तहसीदारों ने अपनी मांग रखी है। १३ अक्टूबर तक मांगे नहीं माने जाने पर १४ अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। यह है अधिकारियों की मांग: प्रदेश में खाली पदों लंबे समय से भरा नहीं जा रहा है। तहसीलदार के 350 पद खाली हैं, उन्हें भरा नहीं गया और मौजूदा अधिकारी, कर्मचारियों को अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया। साथ ही संसाधनों की कमी भी है, इसके बावजूद राजस्व विभाग में ऑनलाइन आवेदनों का निराकरण समय-सीमा में करने की बाध्यता है।
मप्र राजस्व अधिकारी संघ के शैलेंद्र बडोनिया ने बताया कि प्रदेश में 1000 तहसीलदार, नायब तहसीलदार हैं। वहीं, तहसीलदारों के 350 से अधिक पद खाली हैं। नायब तहसीलदारों को पदोन्नती देकर भरे जाने हैं। इनका काम मौजूदा 350 तहसीलदारों को करना पड़ रहा है। तहसीलदारों पर काम का अतिरिक्त बोझ हो रहा है। इससे वे मानसिक तनाव में है।
दिनांक 10 से 13 अक्टूबर तक सामूहिक अवकाश पर रहेंगे, संघ के बैनर तले धरना प्रदर्शन करेंगे
13 अक्टूबर को भोपाल में बल्लभ भवन के सामने धरना प्रदर्शन
13 अक्टूबर पर निराकरण नहीं होने की स्थिति में 14 से अनिश्चित हड़ताल पर जाने की तैयारी
पटवारियों के बाद अब तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों के हड़ताली रुख ने सरकार और आम जनता को परेशानी में डाल दिया है। गुरुवार को होशंगाबाद की सभी तहसीलों में तहसीलदारों ने सामूहिक अवकाश पर चले गए, नतीजतन उनके दफ्तर-कोर्ट में किसी तरह के काम नहीं हो सके। इटारसी, होशंगाबाद, पिपरिया, बनखेड़ी, सिवनीमालवा, डोलरिया और सोहागपुर जैसी तहसीलों में रोजाना 50 से 60 प्रकरण आते हैं, इन पर गुरुवार को सुनवाई नहीं हो सकी।