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इस जिले में रेत के लिए हुआ था 217 करोड़ रुपए का ठेका, अब हुआ निरस्त, ये है कारण

locationहोशंगाबादPublished: Feb 21, 2020 12:29:10 pm

Submitted by:

sandeep nayak

होशंगाबाद सहित तीन जिलों के रेत खदानों का फिर से होगा टेंडर

Leaders are doing sand business in Singrauli district

Leaders are doing sand business in Singrauli district

होशंगाबाद/ रेत के लिए प्रसिद्ब होशंगाबाद जिले में पिछले दिनों रेत के नए टेंडर हुए थे। जो काफी चर्चाओं में रहे थे। इसका कारण इनकी भारी-भरकम राशि और बाहिरी राज्य का ठेकेदार होना था। अब एक बार फिर से यह ठेका चर्चाओं में है। इसका कारण होशंगाबाद सहित तीन जिलों के ठेके निरस्त होना है। होशंगाबाद सहित तीन जिलों के रेत खदानों के नए सिरे से टेंडर होंगे। दरअसल, होशंगाबाद की रेत खदान का ठेका पावर मेक प्रोजेक्ट लिमिटेड ने 217 करोड़ रुपए में लिया था, लेकिन कंपनी ने तय समयसीमा में न तो पैसा जमा किया न ही खनिज विभाग के पत्रों का कोई जवाब दे रही है। इस कारण राज्य सरकार जिले के रेत ठेके खनिज विभाग अगले हफ्ते जारी कर सकता है।
इधर, जिले में ठेका लेने वाली कंपनी के जयंत का कहना है कि उन्होंने नई रेत नीति के तहत जो टेंडर डाला था उसमें 50 करोड़ रुपए की सुरक्षा निधि जमा कर चुके हैं अभी सीहोर जिले के ठेकों को शुरू करने में कंपनी व्यस्त है। अगले हफ्ते होशंगाबाद जिले के ठेकों की बिट के बाद शुरू करने की तैयारी की जाएगी। ठेका निरस्त करने की बात पर कहा कि उन्हे इसकी कोई जानकारी नहीं है। वह ठेका चलाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने रेत खदानों के लिए पक्का पहुंच मार्ग की मांग की थी जो अभी विचाराधीन है। इधर, कलेक्टर धनंजय सिंह ने कहा कि री टेंडर किये जाने के शासन से आदेश हैं बाकी की विस्तृत जानकारी आदेश जिला खनिज अधिकारी देंगे। खनिज अधिकारी महेंद्र पटेल ने मीटिंग में व्यस्त होने की बात कहते हुए फोन काट दिया।
सबसे बड़ा कलस्टर होशंगाबाद
सरकार ने 43 जिलों में खदानों के इतने ही क्लस्टर बनाए हैं। इसके लिए खनिज विभाग ने 448.35 करोड़ रुपए आरक्षित मूल्य रखा था। इसके बदले 1235 करोड़ रुपए बोली लगीं। इसमें सबसे बड़ी 217 करोड़ रुपए की बोली होशंगाबाद कलस्टर के लिए लगाई गई थी। इस कलस्टर के लिए 100 करोड़ रुपए आरक्षित मूल्य तय किया गया था। अब ठेकेदार काम करने को तैयार नहीं है। ठेकेदार से विभाग के अफसरों की बात भी हुई है। उसने साफ कहा है कि बैंक गारंटी पर खदान देने को तैयार हों, तो काम किया जा सकता है, लेकिन इस प्रस्ताव से विभाग के मंत्री और अधिकारी सहमत नहीं हैं।
तीनों जिलों की खदानों की दोबारा नीलामी करेंगे। ठेकेदार खदानें लेने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। जल्द ही टेंडर जारी किए जाएंगे।
नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव, खनिज

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