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गुड़पट्टी बनाने वाली महिलाओं को नहीं मिले पैसे, समूहों के अध्यक्ष-सचिव के खाते में आई राशि

locationहोशंगाबादPublished: Jan 30, 2020 06:40:29 pm

Submitted by:

rakesh malviya

दो साल पहले बने थे स्व सहायता समूह, तवानगर में दो स्वसहायता समूह बनाकर बनवाई थी गुड़पट्टी, दो सदस्यीय टीम ने शुरू की जांज

गुड़पट्टी बनाने वाली महिलाओं को नहीं मिले पैसे, समूहों के अध्यक्ष-सचिव के खाते में आई राशि

गुड़पट्टी बनाने वाली महिलाओं को नहीं मिले पैसे, समूहों के अध्यक्ष-सचिव के खाते में आई राशि

इटारसी. राज्य ग्रामीण अजीविका मिशन के माध्यम से स्वसहायता समूह बनाकर तवानगर में गुड़पट्टी बनवाई गई थी। स्वसहायता समूह बनाकर महिलाओं को जोड़ा गया और रोजगार का सपना दिखाकर गुड़पट्टी बनवा ली। बाद में समूह सदस्यों को धेला भी नहीं मिला। इस मामले में जांच शुरू हो गई है। बुधवार को दो सदस्यी टीम जांच करने तवानगर पहुंची। यहां जांच दल ने महिलाओं के कथन दर्ज किए हैं। यहां केसला जनपद से पंचायत समन्वयक अधिकारी जय ङ्क्षसह मीना और एनआरएलएम प्रभारी धर्मेंद्र गुप्ता आए थे। गौरतलब है इसमें आईटीआई एक्टीविस्ट रीता सिंह ने शिकायत की थी। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत स्व सहायता समूह बनाकर छोटे-छोटे उद्योग धंधे स्थापित कराना था। इस मिशन के माध्यम से हुए कामों गड़बड़ी सामने आई है। मामले को लेकर पीसीओ केसला के जांच अधिकारी जय सिंह मीना ने बताया कि इस मामले में समूह की महिला सदस्यों के बयान दर्ज किए हैं। इसके अलावा मामले में जांच चल रही है
पत्रिका ने प्राथमिक से उठाए थे मामले
गुड़पट्टी निर्माण में जहां समूह की सदस्य महिलाओं को मेहनताना नहीं मिला तो दूसरी ओर स्कूल डे्रस के मामले में भी बड़ी गड़बड़ी हुई थी लेकिन अधिकारियों ने लीपापोती करके सब बराकर कर दिया है। डे्रस के मामले में भी न समूह बने थे न समूहों ने डे्रस बनाई। मालाखेड़ी की एक फर्म के साथ मिलकर पूरी सप्लाई कर दी गई थी। इस खबर को पत्रिका ने प्राथमिकता से प्रकाशित किया था। इस खबर के बाद हुई जांच के बाद लीपापोती हो गई थी लेकिन इसके बाद में बीते सत्र में शासन ने सीधे विद्यार्थियों के खाते में राशि भेजी थी। इसका परिणाम यह हुआ कि समय से विद्यार्थियों ने डे्रस भी सिलवा ली और पहन भी रहे हैं।
महिलाओं ने कहा किया गया है गुमराह
तवानगर में एक दर्जन स्व सहायता समूह बने थे। इन समूहों में से तीन समूहों को गुड़पट्टी बनाने का काम दिया गया था। समूह महिलाओं से गुड़पïट्टी भी बनवा ली और मेहनताना दो साल बाद भी महिलाओं भी नहीं मिला। महिलाओं ने शुरू ३५०० रुपए प्रतिमाह देने का वादा किया गया था। जनजागृति और स्वसहायता समूह की सदस्यों ने बताया कि सचिव कविता केचे, अध्यक्ष रेखा नागले, संजीवनी अध्यक्ष मीनाक्षी केचे, समूह की सचिव रीतू पथरिया और तत्कालीन केसला ब्लॉक के एनआरएलएम प्रभारी अखिलेश कटलाना ने मिलकर गुमराह किया था कि १०० रुपए प्रतिदिन मेहनताना मिलेगा
यह भी बताया महिलाओं ने
– महिलाओं के स्व सहायता समूह जब बनाए गए थे तो सपने दिखाए थे कि जो महिलाएं गुड़पट्टी बनाएंगी। वह गुड़पट्टी आंगनबाड़ी और प्राथमिक स्कूल में सप्लाई होगी।
– गुड़पट्टी निर्माण के लिए ३ समूह सदस्यों को शिवपुरी भेजा गया था। इसमें तवानगर के जनजागृति समूह से मीनाक्षी पति राजू चैके प्रशिक्षण लेने गई थी। महिलाओं का कहना है कि प्रशिक्षण लेकर आने के बाद एक बार बताया था कि कैसे बनाई जाती है लेकिन स्वयं कभी साथ में न तो गुड़पट्टी बनवाई न कभी कोई ध्यान नहीं दिया।
– एनआरएलएम के तत्कालीन प्रभारी अखिलेश कटलाना, समूह अध्यक्ष और सचिव का संयुक्त खाता था। इस खाते में राशि आई थी। जब समूह अध्यक्ष, सचिव और कटलाना बैंक जाते तो समूह सदस्यों को छुट्टी दे देते थे।
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