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अंग्रेजों ने शहर की प्राइम लोकेशन पर 119 साल पहले बनाया सर्किट हाउस

locationहोशंगाबादPublished: Nov 18, 2020 10:05:28 pm

Submitted by:

rajendra parihar

अंग्रेजी कमिश्नरी क्षेत्र था होशंगाबाद, लार्ड कर्जन के समय 1901 में बना यह भवन

अंग्रेजों ने शहर की प्राइम लोकेशन पर 119 साल पहले बनाया सर्किट हाउस

अंग्रेजों ने शहर की प्राइम लोकेशन पर 119 साल पहले बनाया सर्किट हाउस

होशंगाबाद- शहर की प्राइम लोकेशन पर बना सर्किट हाउस 119 साल का हो गया है। लार्ड कर्जन के समय साल 1901 में सर्किट हाउस बनाया गया था। सर्किट हाउस की दीवार पर आज भी इसकी निशानी मौजूद है। लार्ड कर्जन वहीं ब्रिटिश अधिकारी था जिसने भारत में पुरातत्व विभाग की स्थापना की थी। उसने अपने शासनकाल में कई इमारते बनवाई और कई पुरानी इमारतों को संरक्षित किया। वैसे भी होशंगाबाद अंग्रेजी सल्तनत में कमिश्नरी क्षेत्र हुआ करता था। होशंगाबाद जिला मध्य प्रांत और बरार के नेरबुड्डा (नर्मदा) प्रभाग का हिस्सा था। जो 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद मध्य भारत और बाद में मध्यप्रदेश राज्य के अंतर्गत आया।
माया नगरी को भी भा रहा सर्किट हाउस
शहर की इस विरासत को शहरवासियों को ही नहीं बल्कि माया नगरी मुंबई को भी भा रहा है। यही कारण है कि प्रकाश झा द्वारा निर्देशित फिल्म के साथ ही छोटी-बड़ी कई फिल्मों व सीरियल की शूटिंग भी सर्किट हाउस में हो चुकी है। शहर की पुरानी इमारतों में सर्किट हाउस की इस स्थिति हैं जिसका उपयोग हो रहा है। लोक निर्माण विभाग इसकी देखरेख कर रहा है। पहले सर्किट हाउस पर कबेलू की छत थी। हालांकि बाद में मरम्मत कर लोहे की चादर लगा दी गई।
राजनीतिक रणनीतियों का है गवाह
शहर की राजनीति का यह सर्किट हाउस महत्वपूर्ण गढ़ है। आज भी सत्तापक्ष हो या विपक्ष के नेता सभी की पहली पसंद सर्किट हाउस है। प्रशासनिक चर्चाएं और या वीआईपी लोगों का आगमन सभी सर्किट हाउस में होता है। कई महत्वपूर्ण राजनीति रणनीतियों का सर्किट हाउस गवाह है। हालांकि लोक निर्माण विभाग द्वारा इसकी देखरेख का विशेष ध्यान दिया जाता है।
दिखता है नर्मदा का अद्भुत रूप
वर्ष 1973 में आई भीषण बाढ़ के बाद जब सर्किट हाउस के पास जब पिचिन का निर्माण हुआ तो इससे सर्किक हाउस का सुरक्षा मिली। वहीं परिसर में लगा विशाल पीपल का पेड भी आकर्षण का केन्द्र है। यहां से नर्मदा का भी अद्भुत रूप दिखाई देता है। यही कारण है कि जब भी कोई वीआईपी यहां आता है वह नर्मदा को जरूर निहारता है।
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