डायलिसिस सेशन में हम बेहतर-
डायरेक्टोरेट ऑफ हेल्थ सर्विसेज मध्यप्रदेश की रिपोर्ट बताती है कि डायलिसिस के मामले में होशंगाबाद अपने पड़ौसी जिले बैतूल से तो बेहतर है, लेकिन हरदा से अभी पीछे है। डायलिसिस सेशन के मामले में बैतूल को ५०.७८ प्रतिशत के साथ बी-ग्रेड मिला है, जबकि होशंगाबाद ६२.५६ प्रतिशत अंक के साथ बी-ग्रेड और हरदा ७८.२२ प्रतिशत के साथ ए-ग्रेड स्थान पर है।
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डायरेक्टोरेट ऑफ हेल्थ सर्विसेज मध्यप्रदेश की रिपोर्ट बताती है कि डायलिसिस के मामले में होशंगाबाद अपने पड़ौसी जिले बैतूल से तो बेहतर है, लेकिन हरदा से अभी पीछे है। डायलिसिस सेशन के मामले में बैतूल को ५०.७८ प्रतिशत के साथ बी-ग्रेड मिला है, जबकि होशंगाबाद ६२.५६ प्रतिशत अंक के साथ बी-ग्रेड और हरदा ७८.२२ प्रतिशत के साथ ए-ग्रेड स्थान पर है।
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डेटा डीकोडेड : बैतूल और हरदा से होशंगाबाद जिले में स्वास्थ्य उपकरणों की हालत ज्यादा खराब
डायरेक्टोरेट ऑफ हेल्थ सर्विसेज मध्यप्रदेश की रिपोर्ट से खुलासा
होशंगाबाद
बैतूल और हरदा जिले के मुकाबले होशंगाबाद जिले में स्वास्थ्य उपकरणों की हालत ज्यादा खराब है। इस बात का खुलासा डायरेक्टोरेट ऑफ हेल्थ सर्विसेज मध्यप्रदेश की एक रिपोर्ट से हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया कि बैतूल में स्वास्थ्य उपकरणों के संचालन का औसत ८५.२४ प्रतिशत, हरदा में ८०.५१ है, जबकि होशंगाबाद जिले में उपकरणों के संचालन का औसत ७८.५६ प्रतिशत है।
रिपोर्ट के मुताबिक बैतूल जिले में कुल १५१८ उपकरणों में से १२९४ चालू हालत में हैं। ६७ खराब हो चुके हैं, जिनकी मरम्मत भी नहीं हो सकती। ५२ उपकरणों को ठीक करने के लिए कंपलेंट दर्ज कराई गई है। २० मरम्मत योग्य पाए गए हैं। जबकि होशंगाबाद जिले में कुल १५०२ उपकरणों में से ११८० चालू हैं। १२६ खराब हो चुके हैं, जिनकी मरम्मत भी नहीं हो सकती। ३४ उपकरणों को ठीक करने शिकायत दर्ज कराई गई और ३६ मरम्मत योग्य मिले हैं। इधर पड़ौसी जिले हरदा में ७०३ उपकरणों में से ५६६ चालू हैं। १२ को ठीक करने शिकायत की गई है। ९ मरम्मत योग्य हैं, जबकि ४२ खराब हो चुके हैं, जो मरम्मत योग्य भी नहीं हैं।
डायरेक्टोरेट ऑफ हेल्थ सर्विसेज मध्यप्रदेश की रिपोर्ट से खुलासा
होशंगाबाद
बैतूल और हरदा जिले के मुकाबले होशंगाबाद जिले में स्वास्थ्य उपकरणों की हालत ज्यादा खराब है। इस बात का खुलासा डायरेक्टोरेट ऑफ हेल्थ सर्विसेज मध्यप्रदेश की एक रिपोर्ट से हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया कि बैतूल में स्वास्थ्य उपकरणों के संचालन का औसत ८५.२४ प्रतिशत, हरदा में ८०.५१ है, जबकि होशंगाबाद जिले में उपकरणों के संचालन का औसत ७८.५६ प्रतिशत है।
रिपोर्ट के मुताबिक बैतूल जिले में कुल १५१८ उपकरणों में से १२९४ चालू हालत में हैं। ६७ खराब हो चुके हैं, जिनकी मरम्मत भी नहीं हो सकती। ५२ उपकरणों को ठीक करने के लिए कंपलेंट दर्ज कराई गई है। २० मरम्मत योग्य पाए गए हैं। जबकि होशंगाबाद जिले में कुल १५०२ उपकरणों में से ११८० चालू हैं। १२६ खराब हो चुके हैं, जिनकी मरम्मत भी नहीं हो सकती। ३४ उपकरणों को ठीक करने शिकायत दर्ज कराई गई और ३६ मरम्मत योग्य मिले हैं। इधर पड़ौसी जिले हरदा में ७०३ उपकरणों में से ५६६ चालू हैं। १२ को ठीक करने शिकायत की गई है। ९ मरम्मत योग्य हैं, जबकि ४२ खराब हो चुके हैं, जो मरम्मत योग्य भी नहीं हैं।
डायलिसिस सेशन में हम बेहतर-
डायरेक्टोरेट ऑफ हेल्थ सर्विसेज मध्यप्रदेश की रिपोर्ट बताती है कि डायलिसिस के मामले में होशंगाबाद अपने पड़ौसी जिले बैतूल से तो बेहतर है, लेकिन हरदा से अभी पीछे है। डायलिसिस सेशन के मामले में बैतूल को ५०.७८ प्रतिशत के साथ बी-ग्रेड मिला है, जबकि होशंगाबाद ६२.५६ प्रतिशत अंक के साथ बी-ग्रेड और हरदा ७८.२२ प्रतिशत के साथ ए-ग्रेड स्थान पर है।
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डायरेक्टोरेट ऑफ हेल्थ सर्विसेज मध्यप्रदेश की रिपोर्ट बताती है कि डायलिसिस के मामले में होशंगाबाद अपने पड़ौसी जिले बैतूल से तो बेहतर है, लेकिन हरदा से अभी पीछे है। डायलिसिस सेशन के मामले में बैतूल को ५०.७८ प्रतिशत के साथ बी-ग्रेड मिला है, जबकि होशंगाबाद ६२.५६ प्रतिशत अंक के साथ बी-ग्रेड और हरदा ७८.२२ प्रतिशत के साथ ए-ग्रेड स्थान पर है।
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