हरदौली बांध निर्माण भूमिपूजन से ही विवादित हो गया है। ठेकेदार द्वारा भूमिपूजन के दिन ही जिले के वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों के सामने तामझाम के साथ ले-आऊट डालकर कार्य प्रारंभ कर दिया गया था। लेकिन अब लग रहा है कि ले आऊट की औपचारिकता की गई और बांध की लंबाई ही नहीं नापी गई। अन्यथा यह फर्जीवाड़ा उसी दिन उजागर हो जाता। तकनीकि अधिकारियों ने डीपीआर एवं ड्राईंग का अंतर देखना भी जरूरी समझा और ना ही बांध स्थल पर जाकर नपाई ही गई। जबकि नियमानुसार लेआऊट डालने के समय ही पूरी नपाई हो जानी थी।
प्रतिदिन आ रहीं खामियां :
प्रतिदिन आ रहीं खामियां :
हरदौली बांध निर्माण को अभी एक माह भी पूर्ण नहीं हुआ है इसके बावजूद प्रतिदिन नई-नई खामियां उजागर हो रही है। पहले तकनीकि अधिकारी ने जहां बांध के लेवल में ही अंतर होने की खामी निकाली थी वहीं बांध में वेस्टवेयर के लिए जमीन ही अधिग्रहित नहीं किए जाने का प्रकरण भी सामने आया था। दोनों तकनीकि खामियों के अलावा मॉनिटरिंग अधिकारी द्वारा 15 बिन्दुओं का एक पत्र नगर पालिका को सौंपा था जिन पर अभी तक नपा द्वारा कोई अमल नहीं किया गया। इन सबसे बड़ा मामला बांध की लंबाई ही कम कर दिया जाना उजगार हुआ है जो बांध निर्मााण में गंभीर भ्रष्टाचार के तौर पर सामने आया है।
लंबाई कम करने से हो जाते वारे -न्यारे
पार्षद निर्मला बेले ने मामले को लेकर कहा है कि यदि कलेक्टर मॉनिटरिंग अधिकारी नियुक्तनहीं करते तो पूरा बांध भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता। उन्होंने बताया कि 840 मीटर में 300 मीटर बांध की लंबाई कम कर देना गंभीर है यदि मॉनिटरिंग अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देते तो ठेकेदार के करोड़ों के वारे-न्यारे हो जाते।
तकनीकि कमियों के संबन्ध में नपा को पत्र लिखकर अवगत करा दिया है। कमियां पूरी करने के बाद ही बांध कार्य किया जा सकता है।
सी एल मरकाम मॉनिटरिंग अधिकारी
मॉनिटरिंग अधिकारी के दिए निर्देशों के आधार पर ही बांध का कार्य कराया जाएगा।
आर सी गव्हाड़े सहायक यंत्री नगर पालिका मुलताई।
पार्षद निर्मला बेले ने मामले को लेकर कहा है कि यदि कलेक्टर मॉनिटरिंग अधिकारी नियुक्तनहीं करते तो पूरा बांध भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता। उन्होंने बताया कि 840 मीटर में 300 मीटर बांध की लंबाई कम कर देना गंभीर है यदि मॉनिटरिंग अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देते तो ठेकेदार के करोड़ों के वारे-न्यारे हो जाते।
तकनीकि कमियों के संबन्ध में नपा को पत्र लिखकर अवगत करा दिया है। कमियां पूरी करने के बाद ही बांध कार्य किया जा सकता है।
सी एल मरकाम मॉनिटरिंग अधिकारी
मॉनिटरिंग अधिकारी के दिए निर्देशों के आधार पर ही बांध का कार्य कराया जाएगा।
आर सी गव्हाड़े सहायक यंत्री नगर पालिका मुलताई।