यह है प्रशासन का प्रारंभिक सर्वे
सितंबर से जारी सर्वे की अब तक तैयार रिपोर्ट के अनुसार सोयाबीन, धान और मक्का को 25 से 30 प्रतिशत नुकसान 20 हजार हैक्टेयर रकबे में हुआ है। 33 से 50 फीसदी नुकसान 45 हजार हैक्टेयर में एवं 50 प्रतिशत से ऊपर नुकसान 27 हजार हैक्टेयर रकबे में पहुंचा है। इस तरह कुल 82 हजार हैक्टेयर में फसलें बर्बाद हुई है।
सितंबर से जारी सर्वे की अब तक तैयार रिपोर्ट के अनुसार सोयाबीन, धान और मक्का को 25 से 30 प्रतिशत नुकसान 20 हजार हैक्टेयर रकबे में हुआ है। 33 से 50 फीसदी नुकसान 45 हजार हैक्टेयर में एवं 50 प्रतिशत से ऊपर नुकसान 27 हजार हैक्टेयर रकबे में पहुंचा है। इस तरह कुल 82 हजार हैक्टेयर में फसलें बर्बाद हुई है।
यह रही सर्वे की प्रोसेस
प्रशासन ने कर्मचारियों की संयुक्त टीम से पहले नजरी आंकलन कराकर गांवों में नुकसान देखा। इसके बाद राजस्व, कृषि सहित पंचायत विभाग की टीमें खेत में जाकर नुकसानी की रिपोर्ट तैयार कर रही हैं। इसके पहले केंद्र सरकार से राहत-मुआवजा राशि की मांग के लिए केंद्रीय अधिकारियों के दल ने प्रदेश में भ्रमण कर नुकसानी के आंकलन को जाना है। हालांकि टीम होशंगाबाद जिले में नहीं आई।
प्रशासन ने कर्मचारियों की संयुक्त टीम से पहले नजरी आंकलन कराकर गांवों में नुकसान देखा। इसके बाद राजस्व, कृषि सहित पंचायत विभाग की टीमें खेत में जाकर नुकसानी की रिपोर्ट तैयार कर रही हैं। इसके पहले केंद्र सरकार से राहत-मुआवजा राशि की मांग के लिए केंद्रीय अधिकारियों के दल ने प्रदेश में भ्रमण कर नुकसानी के आंकलन को जाना है। हालांकि टीम होशंगाबाद जिले में नहीं आई।
ऐसा देखा जा रहा नुकसान
रकबे का प्रतिशत चार स्लैब में आंकलित किया जा रहा है। जैसे 50 से 100 प्रतिशत में आधे से ज्यादा फसल खराब हुई क्या। दूसरे स्तर पर एक तिहाई अर्थात 33 प्रतिशत से अधिक लेकिन आधे से कम है। तीसरा एक तिहाई से कम नुकसान यानी 25 प्रतिशत से अधिक और चौथा 25 प्रतिशत से कम हुआ है तो इसमें कोई मुआवजा-राहत नहीं मिलना है।
रकबे का प्रतिशत चार स्लैब में आंकलित किया जा रहा है। जैसे 50 से 100 प्रतिशत में आधे से ज्यादा फसल खराब हुई क्या। दूसरे स्तर पर एक तिहाई अर्थात 33 प्रतिशत से अधिक लेकिन आधे से कम है। तीसरा एक तिहाई से कम नुकसान यानी 25 प्रतिशत से अधिक और चौथा 25 प्रतिशत से कम हुआ है तो इसमें कोई मुआवजा-राहत नहीं मिलना है।
प्रकरण तैयार होंगे, खाते में मिलेगी राशि
अपर कलेक्टर केडी त्रिपाठी ने बताया कि सर्वे के बाद फसलों के नुकसानी की राशि के आधार पर एसडीएम और तहसीलदार प्रकरण तैयार कर स्वीकृत करेंगे। उसके बाद शासन से राशि मिलने पर किसानों के खातों में राहत राशि भेजी जाएगी।
अपर कलेक्टर केडी त्रिपाठी ने बताया कि सर्वे के बाद फसलों के नुकसानी की राशि के आधार पर एसडीएम और तहसीलदार प्रकरण तैयार कर स्वीकृत करेंगे। उसके बाद शासन से राशि मिलने पर किसानों के खातों में राहत राशि भेजी जाएगी।
किसान संगठन का कहना है…
अतिवृष्टि से खरीफ फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए राहत के साथ बीमा राशि जल्द भुगतान की मांग को लेकर सिवनीमालवा, इटारसी एवं बाबई में संघ ने आंदोलन किए हैं। सरकार किसानों के 2 लाख तक के कर्जमाफी की घोषणा को पूरा करे। साथ ही गेहूं की बोनस राशि 160 रुपए क्विंटल के हिसाब दे।
-उदय कुमार पांडे, संभागीय उपाध्यक्ष भारतीय किसान संघ
अतिवृष्टि से खरीफ फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए राहत के साथ बीमा राशि जल्द भुगतान की मांग को लेकर सिवनीमालवा, इटारसी एवं बाबई में संघ ने आंदोलन किए हैं। सरकार किसानों के 2 लाख तक के कर्जमाफी की घोषणा को पूरा करे। साथ ही गेहूं की बोनस राशि 160 रुपए क्विंटल के हिसाब दे।
-उदय कुमार पांडे, संभागीय उपाध्यक्ष भारतीय किसान संघ