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बाबई की जिस 108 एंबुलेंस को बुलाने की बात कर रहे थे मंत्री, वो २२ दिन से खड़ी थी भोपाल

locationहोशंगाबादPublished: Nov 10, 2019 08:59:58 pm

Submitted by:

Manoj Kundoo

सड़क हादसे में घायलों को अस्पताल पहुंचाने कर रहे थे बाबई की १०८ एंबुलेंस को कॉल, मेंटनेंस के लिए १२ अक्टूबर को भोपाल भेजी गई थी बाबई की एंबुलेंस

108 ambulance

108 ambulance

होशंगाबाद
पिपरिया रोड पर रविवार को बाबई के पास सड़क दुर्घटना में एक महिला की मौत हो गई थी। इस दौरान वहां से गुजर रहे उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने महिला के घायल पति को अस्पताल पहुंचवाया था। इससे पहले मंत्री जीतू पटवारी ने अपने साथियों से १०८ एंबुलेंस को कॉल करके बुलाया था, लेकिन वह १०-१५ मिनट बाद भी नहीं पहुंची थी। जिसके बाद एक लोडिंग गाड़ी से महिला का शव और उसके घायल पति को अस्पताल पहुंचाया था। खास बात यह है कि मंत्री जिस १०८ एंबुलेंस को बुलाने के लिए कॉल करवा रहे थे, वह पिछले २२ दिनों से भोपाल में खड़ी थी। यह गाड़ी सोमवार को मेंटनेंस के बाद बाबई आई है। बाबई की एंबुलेंस एमपी ०२ एवी ६८८३ को मरम्मत के लिए १२ अक्टूबर को भोपाल ले जाया गया था। तब से यह गाड़ी टाटा मोटर्स की वर्कशॉप में खड़ी थी। घायलों और मरीजों को अस्पताल पहुंचाने वाली १०८ एंबुलेंस तत्काल सेवा फेल साबित हो रही है। स्थिति यह है कि गाडि़यों को छोटी-छोटी मरम्मत के लिए भोपाल भेजना पड़ता है। जिसमें कई बार बहुत अधिक समय लगता है। इस दौरान संबंधित क्षेत्र में दूसरी गाडि़यां उपलब्ध नहीं होने से इस तरह की स्थिति बनती है।
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इनका कहना है…
जिले में दस एंबुलेंस है। इनमें से केसला की एंबुलेंस की मरम्मत होना है। बाबई की एंबुलेंस मरम्मत के बाद सोमवार को आ चुकी है। मरम्मत में अधिक समय लगने पर होशंगाबाद में मौजूद दो एंबुलेंस सेवाएं देती हैं। -अजय कुमार, जिला प्रभारी १०८ एंबुलेंस सेवा होशंगाबाद।
बाबई की जिस 108 एंबुलेंस को बुलाने की बात कर रहे थे मंत्री, वो २२ दिन से खड़ी थी भोपाल

सड़क हादसे में घायलों को अस्पताल पहुंचाने कर रहे थे बाबई की १०८ एंबुलेंस को कॉल, मेंटनेंस के लिए १२ अक्टूबर को भोपाल भेजी गई थी बाबई की एंबुलेंस
होशंगाबाद
पिपरिया रोड पर रविवार को बाबई के पास सड़क दुर्घटना में एक महिला की मौत हो गई थी। इस दौरान वहां से गुजर रहे उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने महिला के घायल पति को अस्पताल पहुंचवाया था। इससे पहले मंत्री जीतू पटवारी ने अपने साथियों से १०८ एंबुलेंस को कॉल करके बुलाया था, लेकिन वह १०-१५ मिनट बाद भी नहीं पहुंची थी। जिसके बाद एक लोडिंग गाड़ी से महिला का शव और उसके घायल पति को अस्पताल पहुंचाया था। खास बात यह है कि मंत्री जिस १०८ एंबुलेंस को बुलाने के लिए कॉल करवा रहे थे, वह पिछले २२ दिनों से भोपाल में खड़ी थी। यह गाड़ी सोमवार को मेंटनेंस के बाद बाबई आई है। बाबई की एंबुलेंस एमपी ०२ एवी ६८८३ को मरम्मत के लिए १२ अक्टूबर को भोपाल ले जाया गया था। तब से यह गाड़ी टाटा मोटर्स की वर्कशॉप में खड़ी थी। घायलों और मरीजों को अस्पताल पहुंचाने वाली १०८ एंबुलेंस तत्काल सेवा फेल साबित हो रही है। स्थिति यह है कि गाडि़यों को छोटी-छोटी मरम्मत के लिए भोपाल भेजना पड़ता है। जिसमें कई बार बहुत अधिक समय लगता है। इस दौरान संबंधित क्षेत्र में दूसरी गाडि़यां उपलब्ध नहीं होने से इस तरह की स्थिति बनती है।
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इनका कहना है…
जिले में दस एंबुलेंस है। इनमें से केसला की एंबुलेंस की मरम्मत होना है। बाबई की एंबुलेंस मरम्मत के बाद सोमवार को आ चुकी है। मरम्मत में अधिक समय लगने पर होशंगाबाद में मौजूद दो एंबुलेंस सेवाएं देती हैं। -अजय कुमार, जिला प्रभारी १०८ एंबुलेंस सेवा होशंगाबाद।

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