दोनों के बीच तीन मिनिट 38 सेकंड हुई इस बातचीत ने इस चर्चित मामले की जांच को सवालों के घेरे में ला दिया है। जिसमें निखिल को आरोपी बनाने का दबाव आने पर बौखलाए टीआई अफसरों को गालियां दे रहें हैं। इसके साथ एक मिनिट का दूसरा आडियो वायरल हो रहा है, जिसमें थानेदार की आवाज बताई जा रही है। जिसमें कथित रूप से ली गई राशि वापस करने का जिक्र है।
टीआई: मोंटू, डीपीओ साहब का फोन आया था, मंडी वालो ने कोर्ट में आवेदन लगाया है कि तुमको को मुजरिम नहीं बनाया है। मैने कहा है कि जांच भी हम ही करेंगे। जांच कर लेंगे, तुम कोई अच्छा वकील कर लेना अपना।
मोंटू: आवेदन कहां खिरकिया लगाया या और कहीं
टीआई: हां, खिरकिया लगाया है, सेट कर लेंगे, टेंशन मत लो, मैं तुम्हे बता रहा हूं, यह बात नालेज में आयी है। इसमें डरने की कोई बात नही है।
मोंटू: सर, इनका कोई इलाज करे ना, बहुत परेशान कर रहे हैं।
टीआई: यार, देखो अब इलाज तो करना पड़ेगा, नेतागिरी करवाओं, एसडीएम को बत्ती दिलाओं, एसडीएम और मंडी सचिव ही इसमें बार-बार अंगुली करता है, कृषि मंत्री सचिन यादव से बत्ती दिलवाओं। तुम मेरी तरफ से फ्री हो, तबियत से बत्ती दिलवाओं इन दोनो को, क्यों बार बार परेशान कर रहे है, पुलिस ने क्लीनचिट दे दी तब भी।
मोंटू: मेरे पास इनके खिलाफ दो चार सबूत है, रिश्वत लेने के भी। मैं, इनको सब तरफ से घेरूंगा।
टीआई: घेरो न यार घेरो, (गाली देते हुए) ये तुम्हारा बुरा चाह रहे है, ये चाह रहे रहे तुम मुजरिम बन जाओं उस केस में। क्योकि अभी मामले में राशि की वसूली होने वाली है, जिसमें सब घिराऐंगे। एसडीएम, मंडी सचिव है, जब उसमें जाऐंगे। इसलिए तुम्हें लपेटना चाह रहे, तुम उन्हें बत्ती दिलाना चालू कर दो। अपना डिफेंस तैयार करके रखो। यह कुल मिलाकर चाह रहे है, कि तुम रगड़ जाओ, क्योकि उस समय उनकी चली नहीं। कलेक्टर साहब ने भी नोटशीट देखी। उन्होंने सब कोशिश करके देख ली। टीआई और एसपी साहब सुन नही रहे तो, वे समझ गए कि इधर से नही बना पाऐ तो यह रास्ता अपनाओं। तुम चिंता मत करो, अपना डिफेंस तैयार रखों। बाकी में हर हद तक तुम्हारे साथ हूं। अभी चार साल जिले में रहूंगा। और हर हद तक तुम्हारे साथ हूं। क्योकि मंडी केस में मेरे से ज्यादा किसी को नही मालूम।
इससे पूर्व मोनू जैन की पत्नी भारती ने भी आईजी को शिकायत कर निलिख को बचाने के बदले टीआई पर भारी राशि लेने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। इस संबंध में टीआई राजेश साहू से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनका फोन बंद था।
राजेश सुल्या, एसडीओपी, खिरकिया