अपनी बेटी के साथ सुबह होने तक वहीं रूकी
प्रशासन ने भले मजदूरों की सुविधा के लिए बस रवाना की हो लेकिन डीजल बचाने के चक्कर में बस ड्राइवर बुजुर्ग मां और उसकी बेटी को रसूलिया डबल फाटक के पास छोड़कर चला गया। दरअसल वह बस ओवरब्रिज होते हुए पिपरिया के रास्ते जबलपुर जा रही थी। रात में अपनी बेटी और सामान के साथ बुजर्ग महिला को कोई सहारा नहीं मिला। डबल फाटक पर रोशनी दिखाई देने पर महिला ने अपनी बेटी को लेकर सुबह होने तक वहां रुकना सुरक्षित समझा।
प्रशासन ने भले मजदूरों की सुविधा के लिए बस रवाना की हो लेकिन डीजल बचाने के चक्कर में बस ड्राइवर बुजुर्ग मां और उसकी बेटी को रसूलिया डबल फाटक के पास छोड़कर चला गया। दरअसल वह बस ओवरब्रिज होते हुए पिपरिया के रास्ते जबलपुर जा रही थी। रात में अपनी बेटी और सामान के साथ बुजर्ग महिला को कोई सहारा नहीं मिला। डबल फाटक पर रोशनी दिखाई देने पर महिला ने अपनी बेटी को लेकर सुबह होने तक वहां रुकना सुरक्षित समझा।
शिकायत करने का कोई नंबर नहीं
पूरे मामले में बस ड्रायवर के साथ खंडवा जिला प्रशासन की गलती ये थी कि किसी परेशानी के दौरान मजदूरों के पास शिकायत करने का कोई नंबर नहीं था। इस वजह से बस ड्रायवर की मनमानी की शिकायत नहीं हो पाई। हालांकि गुरुवार दोपहर के समय े स्थानीय पुलिस जवानों ने मजदूर मां और बेटी को ट्रक से इटारसी के लिए रवाना किया।
सुखतवा में बहन के घर जा रही थीं मां-बेटी
दोनों मां-बेटी मूलत: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में टिकारी गांव की निवासी हैं। बेटी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है इसलिए वह इलाज के लिए सैलानी बाबा में थी। इस दौरान लॉकडाउन हो गया और मां-बेटी वहीं फंस गई। कुछ दिन मां-बेटी ने स्वयंसेवी लोगों के सहारे दिन गुजारे। किसी सेठ ने मां-बेटी को खंडवा पहुंचाया। खंडवा में मां-बेटी का मेडीकल हुआ उसके बाद उन्हें बस से रवाना किया गया। छिंदवाड़ा नहीं जाने की वजह से बुजुर्ग मां अपनी बेटी को लेकर सुखतवा में अपनी बहन के घर जा रही थी। महिला ने बताया कि उसकी बहन सुखतवा में बेरियर के पास रहती है।
दोनों मां-बेटी मूलत: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में टिकारी गांव की निवासी हैं। बेटी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है इसलिए वह इलाज के लिए सैलानी बाबा में थी। इस दौरान लॉकडाउन हो गया और मां-बेटी वहीं फंस गई। कुछ दिन मां-बेटी ने स्वयंसेवी लोगों के सहारे दिन गुजारे। किसी सेठ ने मां-बेटी को खंडवा पहुंचाया। खंडवा में मां-बेटी का मेडीकल हुआ उसके बाद उन्हें बस से रवाना किया गया। छिंदवाड़ा नहीं जाने की वजह से बुजुर्ग मां अपनी बेटी को लेकर सुखतवा में अपनी बहन के घर जा रही थी। महिला ने बताया कि उसकी बहन सुखतवा में बेरियर के पास रहती है।