रेबीज वैक्सीन का टोटा, पांच महीने से इंजेक्शन नहीं भेज रही हैदराबाद की कंपनी पर
होगा जुर्माना
होशंगाबादPublished: Sep 17, 2019 08:57:42 pm
जिला सीएमएचओ कार्यालय से मार्च-अपै्रल में भेजी गई थी ५ हजार रेबीज वैक्सीन की डिमांड, दवा कंपनी पर पहले भी हो चुका है जुर्माना, अब दोबारा लगभग ५० हजार रुपए से ज्यादा लगेगी पैनाल्टी
Tota of rabies vaccine, Hyderabad company not sending injection for five months will be fined
होशंगाबाद सरकारी अस्पतालों में पांच महीने से हैदराबाद की दवा कंपनी रेबीज वैक्सीन नहीं भेज रही है। जिससे अस्पतालों में इंजेक्शन का टोटा हो गया है। पिछले आठ महीने में जिले में डॉग और मंकी बाइट के १ हजार २०० लोग शिकार हो चुके हैं। एेसे में घायलों को निजी अस्पतालों में महंगे दाम पर वैक्सीन लगवाने पड़ रहे हैं। जिले में हैदराबाद की इंडियन इमूनोलॉजिकल्स लिमिटेड रेबीज वैक्सीन सप्लाई करती है। वैक्सीन भेजने में लापरवाही पर पिछले साल नवंबर में कंपनी पर २७ हजार रुपए जुर्माना किया गया था। अब लगभग ५० हजार रुपए पैनाल्टी होगी।
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डिमांड २ हजार की, भंडार गृह में बचे १५० वेक्सीन-
सीएमएचओ कार्यालय से मार्च में २ और अपै्रल में ३ हजार वैक्सीन की डिमांड भेजी गई थी। यहां से जिले की १५ प्राथमिक और ७ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में दवाइयां दी जाती है। भंडार गृह में मात्र १५० वैक्सीन बचे हैं। जबकि अस्पतालों से २ हजार इंजेक्शन की डिमांड की गई है। एेसे में अस्पताल प्रबंधन दवा नहीं आने से चिंता में है।
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खंडवा से लेकर आए वेक्सीन-
सरकारी अस्पताल इटारसी से फरवरी में ३ हजार वैक्सीन का आर्डर दवा कंपनी को दिया गया था। दवा नहीं भेजने पर अस्पताल अधीक्षक डा. एके शिवानी ने कंपनी से बातचीत की तो पता चला खंडवा जिला अस्पताल में वैक्सीन भेजी गई है, जहां से वे अगस्त में ५०० वैक्सीन लेकर आए हैं।
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वो सब कुछ जो आप जानना चाहते हैं…
डा. शिवेंद्र सिंह, चिकित्सा अधिकारी -रेबीज आमतौर पर संक्रमित जानवरों के काटने से फैलता है। ये जानलेवा रोग है, क्योंकि इसके लक्षण बहुत देर में दिखने शुरू होते हैं। -रेबीज वायरस जब व्यक्ति के नर्वस सिस्टम में पहुंच जाते हैं, तो ये दिमाग में सूजन पैदा करते हैं। व्यक्ति कोमा में चला जाता है या उसकी मौत हो जाती है। कुछ लोगों को लकवा भी हो सकता है। -जानवरों के काटने पर काटे गए स्थान को तुरंत पानी व साबुन से अच्छी तरह धो देना चाहिए। इससे रोग की मार कम होती है। तुरंत रोगी को डॉक्टर की सलाह से इलाज कराना चाहिए।
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इनका कहना है…
जिले से दवा कंपनी को वैक्सीन की डिमांड भेजी गई थी, अब तक दवा नहीं आई। आर्डर के बाद ६० दिनों में दवा नहीं आने पर पैनाल्टी का नियम है। कंपनी पर पहले भी पैनाल्टी हो चुकी है।
-डा. दिनेश कौशल, सीएमएचओ।