लूप लाइन पर हुआ हादसा
इटारसी स्टेशन प्रबंधक एसके जैन ने बताया कि टॉवर वैगन डिपो से निकलकर हरदा की तरफ जा रही थी। इसी दौरान पाइंट पर टॉवर वैगन पटरी से उतर गई। घटना लूप लाइन पर हुई। इसी वजह से रेल यातायात पर कोई असर नहीं रहा।
इटारसी स्टेशन प्रबंधक एसके जैन ने बताया कि टॉवर वैगन डिपो से निकलकर हरदा की तरफ जा रही थी। इसी दौरान पाइंट पर टॉवर वैगन पटरी से उतर गई। घटना लूप लाइन पर हुई। इसी वजह से रेल यातायात पर कोई असर नहीं रहा।
जैक की मदद से पटरी पर आई टॉवर वैगन
हादसे के बाद बानापुरा के टीआरडी और ट्रैक कर्मचारी अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। घटना के बाद जैक की मदद से टॉवर वैगन के जमीन पर आ चुके पहियों को वापस ट्रैक पर चढ़ाया गया। जिसमें करीब एक घंटे लग गए।
हादसे के बाद बानापुरा के टीआरडी और ट्रैक कर्मचारी अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। घटना के बाद जैक की मदद से टॉवर वैगन के जमीन पर आ चुके पहियों को वापस ट्रैक पर चढ़ाया गया। जिसमें करीब एक घंटे लग गए।
अमरकंटक एक्सप्रेस के आगे आए मवेशी, इमरजेंसी ब्रेक से रोकी ट्रेन
देश में लगातार ट्रेनों की दुर्घटना से शायद रेलवे की नींद नहीं खुली है और ट्रेनों के परिचालन में लापरवाही बदस्तूर जारी है। गुरुवार को अमरकंटक एक्सप्रेस होशंगाबाद में दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बची। ट्रेन के आगे अचानक मवेशी आ गए, इस कारण चालक को इमरजेंसी ब्रेक लगाना पड़ा। इससे कई यात्री अपने सीट से नीचे गिर गए, यात्रियों ने शोरशराबा शुरू कर दिया। ट्रेन के झटके से अचानक रुकते ही बड़ी संख्या में यात्री ट्रेन से नीचे कूदने लगे। हालांकि, बाद में स्थिति साफ होने के बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली। यह घटना ट्रेन के होशंगाबाद पहुंचने से पहले हुई। ट्रेन आउटर पर 35 से ४० मिनट तक खड़ी रही। यात्रियों ने बताया कि उन्हें जमकर झटका लगा। डिब्बे में खड़े कुछ यात्री अचानक गिर गए।
जिसके बाद यात्रियों में देहशत का महौल सा बन गया।
इंजन में फंसे मवेशी ने संतुलन बिगाड़ा
उपचार के लिए भोपाल गए स्वास्थ्य विभाग के बाबू नरेश भार्गव ने बताया कि वे शाम को भोपाल से अमरकंटक एक्सप्रेस से लौट रहे थे। नर्मदा ब्रिज के निकलते ही अचानक झटके से ट्रेन रुक गई। उनका भी संतुलन बिगड़ गए। जब आगे जाकर देखा तो ड्राइवर कुछ लोगों की मदद से मवेशी को इंजन के सामने से हटा रहा था। कुछ देरी के लिए सभी डर गए।
देश में लगातार ट्रेनों की दुर्घटना से शायद रेलवे की नींद नहीं खुली है और ट्रेनों के परिचालन में लापरवाही बदस्तूर जारी है। गुरुवार को अमरकंटक एक्सप्रेस होशंगाबाद में दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बची। ट्रेन के आगे अचानक मवेशी आ गए, इस कारण चालक को इमरजेंसी ब्रेक लगाना पड़ा। इससे कई यात्री अपने सीट से नीचे गिर गए, यात्रियों ने शोरशराबा शुरू कर दिया। ट्रेन के झटके से अचानक रुकते ही बड़ी संख्या में यात्री ट्रेन से नीचे कूदने लगे। हालांकि, बाद में स्थिति साफ होने के बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली। यह घटना ट्रेन के होशंगाबाद पहुंचने से पहले हुई। ट्रेन आउटर पर 35 से ४० मिनट तक खड़ी रही। यात्रियों ने बताया कि उन्हें जमकर झटका लगा। डिब्बे में खड़े कुछ यात्री अचानक गिर गए।
जिसके बाद यात्रियों में देहशत का महौल सा बन गया।
इंजन में फंसे मवेशी ने संतुलन बिगाड़ा
उपचार के लिए भोपाल गए स्वास्थ्य विभाग के बाबू नरेश भार्गव ने बताया कि वे शाम को भोपाल से अमरकंटक एक्सप्रेस से लौट रहे थे। नर्मदा ब्रिज के निकलते ही अचानक झटके से ट्रेन रुक गई। उनका भी संतुलन बिगड़ गए। जब आगे जाकर देखा तो ड्राइवर कुछ लोगों की मदद से मवेशी को इंजन के सामने से हटा रहा था। कुछ देरी के लिए सभी डर गए।