जिन टे्रनों को रात में इटारसी आना था उनके दूसरे दिन सुबह से लेकर शाम तक आने से उनसे जाने वाले यात्रियों की हालात खराब हो गई। लेट चलने वाली टे्रनों में सफर कर रहे यात्रियों की भी हालत खराब हो रही है। लेट ट्रेनों से जाने वाले यात्रियों को पूरी रात खुले माहौल में कड़ाके की ठंड के बीच गुजारना पड़ी। यात्री अनारक्षित टिकट काउंटर के अलावा प्लेटफॉर्मों पर कंबल-शॉल के सहारे रात काटने को मजबूर होना पड़ रहा है।
यह टे्रनें चली लेट
11078 झेलम एक्सप्रेस – ७ घंटे
12807 समता एक्सप्रेस – ४ घंटे
१२६१६ जीटी एक्सप्रेस – 11 घंटे
12७१६ सचखंड एक्सप्रेस – १७ घंटे
१२७८० गोवा एक्सप्रेस ६ घंटे
१२७२२ दक्षिण एक्सप्रेस ७.४० घंटे
११०१६ कुशीनगर एक्सप्रेस ६.१६ घंटे
यह टे्रनें चली लेट
11078 झेलम एक्सप्रेस – ७ घंटे
12807 समता एक्सप्रेस – ४ घंटे
१२६१६ जीटी एक्सप्रेस – 11 घंटे
12७१६ सचखंड एक्सप्रेस – १७ घंटे
१२७८० गोवा एक्सप्रेस ६ घंटे
१२७२२ दक्षिण एक्सप्रेस ७.४० घंटे
११०१६ कुशीनगर एक्सप्रेस ६.१६ घंटे
रेलवे का बड़ा प्लान : हर साल बचाएगी डेढ़ अरब रुपए
इटारसी। रेलवे ने नए साल में बड़ी बचत की तैयारी कर ली है। दरअसल जबलपुर से पिपरिया के बीच इलेक्ट्रिफिकेशन का कामपूरा हो गया है। इस सेक्शन में डाली गई ओएचई में शुक्रवार 29 दिसंबर को 25 केवी का करंट दौड़ाकर इलेक्ट्रिक इंजन की ट्रायल ली। यह इंजन पिपरिया से जबलपुर तक सफलतापूर्वक चलाया गया। अब इस रुट पर डीजल इंजन की जगह इलेक्ट्रिक इंजन चलेंगे। जिस कारण रेलवे को प्रतिसाल 150 करोड़ रुपए की बचत होगी। पिपरिया से जबलपुर सेक्शन की दूरी 178 किमी है। इसको सबसे पहले तैयार किया गया है। हालांकि इस भाग में बिजली खंभे खड़े हो चुके हैं और ओएचई लाइन भी बिछ चुकी है। इस सेक्शन में विद्युत इंजन दौड़ाकर टेस्टिंग पूरी की जा चुकी है। वहीं जबलपुर की सीपीआरओ गुंजन गुप्ता ने बताया कि शुक्रवार को पिपरिया-जबलपुर सेक्शन में इंजन की ट्रॉयल हो गई है। जनवरी माह में सीआरएस के निरीक्षण के बाद पिपरिया-इटारसी सेक्शन को भी चालू कर दिया जाएगा। बहुत जल्द इस सेक्शन में टे्रनें विद्युत इंजन से दौड़ेगी।
इटारसी। रेलवे ने नए साल में बड़ी बचत की तैयारी कर ली है। दरअसल जबलपुर से पिपरिया के बीच इलेक्ट्रिफिकेशन का कामपूरा हो गया है। इस सेक्शन में डाली गई ओएचई में शुक्रवार 29 दिसंबर को 25 केवी का करंट दौड़ाकर इलेक्ट्रिक इंजन की ट्रायल ली। यह इंजन पिपरिया से जबलपुर तक सफलतापूर्वक चलाया गया। अब इस रुट पर डीजल इंजन की जगह इलेक्ट्रिक इंजन चलेंगे। जिस कारण रेलवे को प्रतिसाल 150 करोड़ रुपए की बचत होगी। पिपरिया से जबलपुर सेक्शन की दूरी 178 किमी है। इसको सबसे पहले तैयार किया गया है। हालांकि इस भाग में बिजली खंभे खड़े हो चुके हैं और ओएचई लाइन भी बिछ चुकी है। इस सेक्शन में विद्युत इंजन दौड़ाकर टेस्टिंग पूरी की जा चुकी है। वहीं जबलपुर की सीपीआरओ गुंजन गुप्ता ने बताया कि शुक्रवार को पिपरिया-जबलपुर सेक्शन में इंजन की ट्रॉयल हो गई है। जनवरी माह में सीआरएस के निरीक्षण के बाद पिपरिया-इटारसी सेक्शन को भी चालू कर दिया जाएगा। बहुत जल्द इस सेक्शन में टे्रनें विद्युत इंजन से दौड़ेगी।
इस तरह बचेंगे डेढ़ अरब रुपए
इटारसी से जबलपुर तक 245 किलोमीटर रेल रूट पर डीजल इंजन के स्थान पर इलेक्ट्रिक इंजन चलने के कारण रेलवे का डीजल पर खर्च होने वाला सालाना 150 करोड़ रुपए की बचत भी होगी। वहीं डीजल इंजन से निकलने वाले धुंए के कारण पर्यावरण प्रदूषण से भी मुक्ति मिलेगी। रेल अफसरों के अनुसार जनवरी में सीआरएस के निरीक्षण के बाद इंजन चलने लगेंगे।
इटारसी से जबलपुर तक 245 किलोमीटर रेल रूट पर डीजल इंजन के स्थान पर इलेक्ट्रिक इंजन चलने के कारण रेलवे का डीजल पर खर्च होने वाला सालाना 150 करोड़ रुपए की बचत भी होगी। वहीं डीजल इंजन से निकलने वाले धुंए के कारण पर्यावरण प्रदूषण से भी मुक्ति मिलेगी। रेल अफसरों के अनुसार जनवरी में सीआरएस के निरीक्षण के बाद इंजन चलने लगेंगे।