यह वाकया सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में मांसाहारी जीवों की गणना के अंतिम दिन कामती वन परिक्षेत्र का है। वनरक्षक विनय बामने ने बताया कि वे सोमवार की सुबह करीब साढ़े सात बजे वन परिक्षेत्र कामती की पनारा बीट के कक्ष क्रमांक 274 में गणना कर रहे थे। उनके साथ वन श्रमिक रामकिशोर के साथ जंगल में भ्रमण पर थे। वे कक्ष में मांसाहारी जीवों के साक्ष्य जुटा रहे थे, तभी यकायक ही दो छोटे शावकों के साथ एक बाघिन उनके सामने आ गई।
बाघिन और गणना दल के बीच दूरी लगभग 25 मीटर थी और बाघिन दल को देखकर अपने शावकों के लिए उन्हें खतरा समझी तथा हमले की मुद्रा में दल की ओर आगे बढ़ी। लेकिन वनरक्षक ने समझदारी दिखाई, वे भयभीत तो थे, लेकिन साहस बनाए रखा तथा बाघिन की ओर लगातार एक ही नजर से देखते रहे, उन्होंंने वन श्रमिक रामकिशोर का हाथ थामा ताकि वह डरे नहीं तथा धीमे-धीमे पीछे की ओर सरकने लगे। बाघिन भी आगे बढ़ रही थी और जब दल तथा बाघिन के बीच दूरी करीब 10 मीटर रही होगी तभी बाघिन वापस लौट गई। बाघिन के पीछे मुड़ते ही दल मौके से भागा तथा लगभग 100 मीटर दूर पहुंचकर डिप्टी रेंजर को मामले की सूचना दी। बामने ने बताया कि बाघिन बहुत तेज गुर्रा रही थी तथा तय था कि उसकी चिंता शावकों को बचाने की पहले थी न कि हमले की। और जब उसने देखा कि दल पीछे की ओर बढ़ रहा है तो वह भी शावकों को सुरक्षित समझकर लौट गई।