पीएम आवास के कारण आईएचएसडीपी समाप्त
एकीकृत आवास एवं मलिन बस्ती विकास योजना के उन गरीब परिवारों को आवास देना था जिनके आवास नहीं है। इस योजना के तहत वर्कऑर्डर २०११ में मिला था आठ साल हो गए अभी तक पूरे मकान ही नहीं बन पाए। अब पीएम आवास योजना शुरू हो गई है। इसमें तीन प्रकार से उन आवासहीन लोगों को आवास दिए जा रहे है जिनके आवास नहीं है। इस योजना के आने के बाद आईएचएसडीपी योजना का महत्व समाप्त हो गया है।
१०० का आवंटन, ५३ निर्माणाधीन
न्यास कॉलोनी के अंतिम छोर पर झुग्गी में रहने वाले लोगों के लिए एकीकृत मलिन बस्ती विकास परियोजना यानी आईएचएसडीपी योजना के मकान बन रहे हैं। करीब एक सैंकड़ा मकान बन गए हैं और करीबन ५३ मकानों का काम अभी चल रहा है। बाद के जो ५३ मकान बनाए जा रहे हैं वह बढ़ी हुई दर पर बनवाए जा रहे हैं। इस प्रोजेक्ट के शेष काम नहीं हो पाएंगे क्योंकि अब राशि ही नहीं बची है।
यह काम रह गए अधूरे
-०३ सामुदायिक शौचालय
-०३ सामुदायिक भवन
– आरसीसी संपवेल निर्माण
-आरसीसी सीवर लाइन निर्माण
– वार्ड नंबर ११, 14, २१, २२, २७, २९ और 07 में सड़क व नाली
एक नजर में पूरी योजना
योजना- एकीकृत आवास एवं मलिन बस्ती विकास योजना
स्वीकृति- १६ अगस्त २००७
लागत- 2 करोड़ 1 लाख रुपए
टेंडर हुआ था- २५ मई 201०
वर्क ऑर्डर हुआ- 26 मई 2011
यूआईडीएसएसएमटी योजना के तहत जल आवर्धन योजना थी। जल आवर्धन योजना उद्देश्य पेयजल उपलब्ध कराने के साथ सीवर लाइन में गंदगी बहाने के लिए आवश्यकता अनुसार पानी उपलब्ध कराना था लेकिन समय से जल आवर्धन पूरी नहीं पाई इसलिए योजना के तहत सीवर लाइन की जो राशि थी लगभग पौने २ करोड़ लेप्स हो गई जो नपा को वापस करना पड़ा। हालांकि अब नगर पालिका ने सीवर लाइन के लिए अलग से प्रस्ताव बना लिया है।
सीएमओ से सीधी बात
सवाल- आईएचएसडीपी के तहत अभी तक पूरे मकान नहीं बन पाए हैं।
जवाब- योजना की राशि थी इससे ऊपर में टेंडर हुआ है। बाकी राशि नगर पालिका को देना है। दूसरी किश्त में जो मकान बनने है वह जगह खाली होगी तब बनाएं जाएंगे यह काम जल्द ही पूरा कराया जाएगा।
सवाल- जल आवर्धन योजना की क्या स्थिति है।
जवाब- जल आवर्धन योजना के तहत लगभग काम पूरा हो गया है। अब पानी सप्लाई किया जाएगा इसके बाद अगला कदम सीवर योजना के लिए पानी का इंतजाम करना होगा।
अक्षत बुंदेला, सीएमओ नपा