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नई सरकार बनते ही राशन की तरह बंट रहा यूरिया

locationहोशंगाबादPublished: Dec 19, 2018 02:16:13 pm

Submitted by:

poonam soni

कहीं प्रति एकड़ दी जा रही एक बोरी तो कहीं दो

kisan mandi

नई सरकार बनते ही राशन की तरह बंट रहा यूरिया

पिपरिया. रवि फसल की बोवनी के लिए किसान यूरिया संकट से जूझ रहा है। यूरिया का स्टॉक है लेकिन लिमिट बनाकर यूरिया किसान को बंट रहा है। गांव की समितियों पर कर्ज होने से गोदाम से यूरिया वितरण नहीं होने से परेशानी और बढ़ गई है। तेज ठंड में अल सुबह से किसान बही लेकर गोदाम में कतार लगाने मजबूर हंै। विभाग भरपूर यूरिया होने की बात कर रहा है लेकिन किसान को लिमिट में ही यूरिया गोदाम से वितरित हो रहा है। एक बोरी एक एकड़ के मान से बही पर डबल लॉक गोदाम से खाद वितरण हो रहा है। किसानों का कहना है कि एक एकड़ में ढाई से तीन बोरी यूरिया खेत में लगता है बाकी के दो बरियां लेने उसे दोबारा फिर कतार में लगना पड़ेगा।

पुलिस की निगरानी में वितरण: सुबह 8 बजे से किसान यूरिया लेने गोदाम पहुंच जाते हैं। भीड़ बढऩे पर कतार में नंबर को लेकर धक्का-मुक्की व विवाद हो रहे हैं। मंगलवार दोपहर गोदाम में विवाद होने पर पुलिस को तैनात किया गया। कुर्सी डाल कर पुलिस कर्मी कतारबद्ध लोगों को काउंटर में पर्ची कटाने प्रवेश दे रहे हैं।
स्टॉक चार सौ टन का वितरित तीन सौ टन
गोदाम प्रभारी के अनुसार स्टॉक में करीब 4 सौ टन यूरिया बचा है जो दो दिन और चल सकता है। मंगलवार को ढाई सौ टन यूरिया का वितरण किया गया है। जिला कार्यालय से रैक की डिमांग गई है जल्द रैक नहीं लगती है तो आने वाले दिनों में यूरिया की कमी से किसान और अधिक परेशान होगा।

सहकारी समितियों को नहीं मिला स्टॉक
गोदाम प्रभारी के अनुसार सहकारी समितियों ने यूरिया स्टॉक की राशि जमा नहीं कराई है जिससे कर्ज अधिक बढ़ गया है। सहकारी समितियों को यूरिया वितरण बंद होने से गांव के किसान गोदाम से नकदी २७० रुपए में यूरिया लेने पहुंच रहे है। किसानों का कहना है सरकार कोई बन जाए किसान की परेशानी कम होती नजर नहीं आती।


सोहागपुर. सोहागपुर सहकारी समिति में पिछले दो दिनों से रखा यूरिया का मंगलवार को वितरण किया गया है, लेकिन यहां भी प्रति किसान मात्र दो बोरी यूरिया ही दिया जा रहा है। जिसके कारण किसानों में असंतोष है तथा उन्होंने कलेक्टर से मांग की है कि जल्द ही मांग आधार पर यूरिया भेजा जाए।
मंगलवार सुबह करीब 11 बजे समिति कार्यालय में मात्र दो बोरी यूरिया लेने के लिए किसान घंटों लाइन में खड़े नजर आए। यहां तक कि महिला कृषक भी पुरुषों के साथ लाइन में लगी नजर आई। किसानों के अनुसार अब तक लगभग 55 टन यूरिया ही सोहागपुर समिति में आ पाया है, जबकि मांग ही समिति की 300 टन की थी। लेकिन 300 टन यूरिया भी कम पड़ेगा।

यह है किसानों की जरुरत
किसानों राजेंद्र रघुवंशी डूंडाखापा, शारदेेंदु चौधरी करनपुर, महेश रघुवंशी आदि ने बताया कि दो पानी पर प्रति एकड़ तीन बोरी यूरिया की दरकार किसानों को होती है। लेकिन यहां तो प्रति किसान ही मात्र दो बोरी दी जा रही है। शारदेंदु चौधरी ने बताया कि उन्हें 32 एकड़ के लिए तथा राजेंद्र रघुवंशी के अनुसार उन्हें 23 एकड़ के लिए यूरिया चाहिए। जिसके लिए क्रमश: लगभग 95 तथा लगभग 70 बोरी यूरिया की दरकार है। जो कि समिति से नहीं मिल रहा हैै, इसलिए कई किसान तो कालाबाजारी का बाजार में जरिया बन चुका महंगा यूरिया खरीदने को तैयार हैं।
300 रुपए प्रति बोरी तक मिल रहा
300 रुपए प्रति बोरी तक मिल रहा300 रुपए प्रति बोरी तक मिल रहा राजेंद्र से चर्चा में जानकारी मिली है कि सोहागपुर के बाजार में निजी दुकानों पर 300 रुपए प्रति बोरी तक यूरिया मिल रहा है, जिसकी खुले बाजार में कीमत 280 रुपए है। इस प्रकार कुछ निजी दुकानदार तो 20 रुपए प्रतिबोरी तक किसानों से अधिक कीमत वसूल रहे हैं। यद्यपि सभी निजी दुकानों पर यह स्थिति न होने की बात भी किसानों ने कही है, लेकिन यह जरूर बताया कि सहकारी समिति मेें यूरिया न मिलने की जानकारी निजी दुकानदारों को है। साथ ही उन्हें यह भी ज्ञात है कि वर्तमान में यूरिया किसानों के लिए अत्यधिक आवश्यक है, इसलिए वे मनमाने दामों पर यूरिया दे रहे हैं।
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