(नोट : यह खबर पूरी तरह वॉयरल हो रहे वीडियो पर आधारित है।) रामनवमी 10 अपै्रल को है-
शास्त्रों में लिखा है कि प्रभु श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को दोपहर के समय हुआ था। यही वजह है कि इस तिथि को भगवान राम के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बार रामनवमी 10 अप्रैल को पड़ रही है। हिंदू धर्म में रामनवमी का एक अलग महत्व है। इस दिन अधिकांश लोग व्रत रख कर भगवान श्रीराम की पूजा अर्चना करते हैं।
शास्त्रों में लिखा है कि प्रभु श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को दोपहर के समय हुआ था। यही वजह है कि इस तिथि को भगवान राम के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बार रामनवमी 10 अप्रैल को पड़ रही है। हिंदू धर्म में रामनवमी का एक अलग महत्व है। इस दिन अधिकांश लोग व्रत रख कर भगवान श्रीराम की पूजा अर्चना करते हैं।
परशुराम के रूप में लिया अवतार-
भगवान राम को मानव रूप में पूजे जाने वाले सबसे पुराने देवता के रूप में जाना जाता है, क्योंकि भगवान राम का जन्म त्रेता युग में हुआ था और ऐसा माना जाता है कि त्रेता युग आज से 1296000 साल पहले समाप्त हो गया था। त्रेता युग में भगवान राम के अलावा, भगवान विष्णु ने वामन और परशुराम के रूप में अवतार लिया।
भगवान राम को मानव रूप में पूजे जाने वाले सबसे पुराने देवता के रूप में जाना जाता है, क्योंकि भगवान राम का जन्म त्रेता युग में हुआ था और ऐसा माना जाता है कि त्रेता युग आज से 1296000 साल पहले समाप्त हो गया था। त्रेता युग में भगवान राम के अलावा, भगवान विष्णु ने वामन और परशुराम के रूप में अवतार लिया।
चार भाईयों में बड़े और बहन से छोटे-
राम भगवान विष्णु के अवतार हैं, और इन्हें श्रीराम और श्रीरामचन्द्र के नामों से भी जाना जाता है। रामायण में वर्णन के अनुसार अयोध्या के सूर्यवंशी कोली राजा, चक्रवर्ती सम्राट दशरथ ने पुत्रेश्टी यज्ञ (पुत्र प्राप्ती यज्ञ) कराया जिसके फलस्वरूप उनके पुत्रों का जन्म हुआ। सुर्य के तेज़ से देवी कौशल्या के गर्भ से अयोध्या में हुआ था। भरत का जन्म वायु के आशिर्वाद से हुआ था। लक्ष्मण का जन्म यमराज से और शत्रुघन का जन्म इन्द्र के आशीर्वाद से हुअ था। श्रीराम चारों भाइयों में सबसे बड़े थे। किंतु अपनी बहन से छोटे थे। भगवान राम की सगी बहन शांता थीं जो श्रीराम और उनके तीनों भाइयों की बड़ी बहन थीं। हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को श्रीराम जयंती या रामनवमी का पर्व मनाया संस्कृत महाकाव्य रामायण के रूप में वर्णित हुआ है। रामायण में सीता के खोज में श्रीलंका जाने के लिए 48 किलोमीटर लम्बे 3 किलोमीटर चौड़े पत्थर के सेतु का निर्माण करने का उल्लेख प्राप्त होता है, जिसको रामसेतु कहते हैं।
(नोट : यह खबर पूरी तरह वॉयरल हो रहे वीडियो पर आधारित है।)
राम भगवान विष्णु के अवतार हैं, और इन्हें श्रीराम और श्रीरामचन्द्र के नामों से भी जाना जाता है। रामायण में वर्णन के अनुसार अयोध्या के सूर्यवंशी कोली राजा, चक्रवर्ती सम्राट दशरथ ने पुत्रेश्टी यज्ञ (पुत्र प्राप्ती यज्ञ) कराया जिसके फलस्वरूप उनके पुत्रों का जन्म हुआ। सुर्य के तेज़ से देवी कौशल्या के गर्भ से अयोध्या में हुआ था। भरत का जन्म वायु के आशिर्वाद से हुआ था। लक्ष्मण का जन्म यमराज से और शत्रुघन का जन्म इन्द्र के आशीर्वाद से हुअ था। श्रीराम चारों भाइयों में सबसे बड़े थे। किंतु अपनी बहन से छोटे थे। भगवान राम की सगी बहन शांता थीं जो श्रीराम और उनके तीनों भाइयों की बड़ी बहन थीं। हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को श्रीराम जयंती या रामनवमी का पर्व मनाया संस्कृत महाकाव्य रामायण के रूप में वर्णित हुआ है। रामायण में सीता के खोज में श्रीलंका जाने के लिए 48 किलोमीटर लम्बे 3 किलोमीटर चौड़े पत्थर के सेतु का निर्माण करने का उल्लेख प्राप्त होता है, जिसको रामसेतु कहते हैं।
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