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नौ साल में 78 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी घरों में पानी नहीं पहुंचा पाई यह नपा

locationहोशंगाबादPublished: Apr 17, 2018 10:24:30 am

Submitted by:

yashwant janoriya

निजी ट्यूबवेल से पानी लेने देना पड़ रहे 200 रुपए महीना

water crisis in hoshangabad madhya pradesh india news

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होशंगाबाद. नौ साल में नगर पालिका ने पेयजल की दो बड़ी योजनाओं पर ७८ करोड़ रुपए खर्च कर दिए। बावजूद अभी तक घर-घर पानी पहुंचाना तो दूर पाइप लाइन तक नहीं बिछ सकी है। इस कारण आज भी टैंकरों से पानी सप्लाई की जा रही है। कई रिहायशी इलाकों में अब तक अमृत परियोजना की पाइपलाइन भी नहीं बिछ पाई है। शांति नगर में निजी ट्यूबवेल से पानी लेने के एवज में प्रत्येक परिवार को 200 रु. महीना शुल्क देना पड़ रहा है। जबकि नपा 60 रु. जलकर लेती है।
यहां यह हैं हालात : ईशान परिसर, शिव कॉलोनी, तुलसी धाम परिसर, पीली खंती, प्रोफेसर कॉलोनी, शांति नगर, नर्मदा नगर कॉलोनी, नारायण नगर में नपा की पाइपलाइन ही नहीं है। यहां लोगों को निजी ट्यूबवेल से पानी लेना पड़ता है। ट्यूबवेल खराब हो जाए तो नपा के टैंकरों का सहारा है। वार्ड 17 के पार्षद महेंद्र यादव ने बताया कि उनके वार्ड में नपा की पाइपलाइन बिछाई गई है लेकिन अभी तक नल कनेक्शन नहीं हुए। वहीं अध्यक्ष नपा अखिलेश खंडेलवाल ने बताया कि तकनीकि खराबी की समस्या आने पर टैंकरों से पानी भेजते हैं। अमृत परियोजना के तहत अभी ५५ किमी पाइपलाइन का काम बचा है। उम्मीद है मई में पूरा हो जाएगा।
पाइपलाइनों की चल रही टेस्टिंग : अमृत परियोजना के तहत शहर में बिछाई गई 161 किमी पाइपलाइन की टेस्टिंग हो रही है। सोमवार को हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में टेस्टिंग हुई जो सफल रही। इसके अलावा टंकी को पाइपलाइन से जोडऩे का काम भी चल रहा है।
दूसरी मंजील में पहुंचेगा बिना मोटर से पानी – शहर के कुछ इलाकों में अक्षय तृतीया से अमृत योजना का नर्मदा जल पहुंचने लगेगा। सोमवार को हाउसिंग बोर्ड के ३५ सौ घरों में टेस्टिंग में बिना मोटर के दूसरी मंजिल पर पानी पहुंच गया। नपा की टीम ने घरों में जाकर नल के पानी के फोर्स को भी देखा। अभी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में अक्षय तृतीया से सप्लाई शुरू कर दी जाएगी। अभी तक शहर के २५ हजार घर पंजीकृत है। लेकिन सिर्फ १२,५०० घरों में पानी की सप्लाई की अनुमति है। शहरी विकास मंत्रालय से कनेक्शन की क्षमता बढ़ाने की अनुमति मांगी है। योजना के शुरू होने से बिजली बिल में १५ लाख की बचत होगी।

जल आवर्धन योजना – लागत 32 करोड़ यह काम हुआ : सीमेंट और लोहे की ३०० किलोमीटर पाइपलाइन बिछाई गई। शहर में 124 ट्यूबवेल खुदवाए गए। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, इंटकबेल और पंप लगाए गए। सात पानी की टंकियां बनाई गईं।
अमृत परियोजना – लागत ४६ करोड़, इतना काम हुआ : २१६ किमी में से अब तक १६१ किमी पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है। ५५ किमी पाइपलाइन जोडऩे का काम चल रहा है। घर-घर नल कनेक्शन और पानी के लिए दो संपवेल बनाने का काम बाकी है। शहर में आठ पानी की टंकियां बनाई जाएगी।
व्यवस्था कर रहे हैं
अमृत परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। जल आवर्धन और अमृत परियोजना दोनों ही योजनाओं को समन्वित कर व्यवस्था की जाएगी। ट्रीटमेंट प्लांट, इंटकबेल वही रहेंगे। पिछली योजना में छूटे इलाकों में भी जल प्रदाय की व्यवस्था की जा रही है।
आरसी शुक्ला, सहायक यंत्री वॉटर वक्र्स नपा
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