गेहूं के रकबा 6 हजार हैक्टेयर बढ़ा जिले में खेती का कुल रकबा 3 लाख 30 हजार हैक्टेयर है। इसमें से इस बार 2 लाख 84 हजार हैक्टेयर में गेहूं की फसल ली गई है। जो कि कुल रकबे का 92 फीसदी है। पिछले वर्ष गेहूं की बोवनी का रकबा 2 लाख 78 हजार हैक्टेयर था।
78 हजार 888 किसानों ने कराया पंजीयन समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए जिले में 78 हजार 888 किसानों ने अपना पंजीयन करा लिया है।
प्रदेश में सर्वाधिक 48 क्विंटल उत्पादकता
प्रदेश में गेहूं की सर्वाधिक उत्पादकता होशंगाबाद जिले में 48 क्विंटल प्रति हैक्टेयर निकल रही है। जबकि पिछले साल यह 47 क्विंटल थी। इस हिसाब से करीब 8 लाख मीट्रिक टन पैदावार की संभावनाएं कृषि विभाग ने जताई है।
इन किस्मों ने बढ़ाई पैदावार जिले में गेहूं की बंपर पैदावार को जेडब्ल्यू 322, जेडब्ल्यू 366, एमपी 1203 सहित नई किस्मों 1544, 3211, 3288 किस्मों ने बढ़ाया है। इसमें जवाहर लाल नेहरू कृषि विवि से पवारखेड़ा में इजाद एमपी 1203 मुख्य रूप से शामिल है। ये सभी किस्में तीन पानी वाली है।
पवारखेड़ा रिसर्च सेंटर से निकली 52 किस्में
अनुसंधान के मामले में भी देश में होशंगाबाद के पवारखेड़ा कृषि अनुसंधान केंद्र की अहम् भूमिका है। यहां से गेहूं की 52 नई किस्में निकाली गई है। इनमें 1203 किस्म बेहद पापुलर हुई है।
अनुसंधान के मामले में भी देश में होशंगाबाद के पवारखेड़ा कृषि अनुसंधान केंद्र की अहम् भूमिका है। यहां से गेहूं की 52 नई किस्में निकाली गई है। इनमें 1203 किस्म बेहद पापुलर हुई है।
इनका कहना है… जिले में इस बार भी गेहूं की उत्पादकता बढ़कर 48 क्विंटल निकलने जा रही है। प्रदेश में ये उत्पादकता सर्वाधिक है। यही कारण है कि होशंगाबाद भी गेहूं पैदावार के मामले में पंजाब राज्य की बराबरी में पहुंच गया है।
-जितेंद्र सिंह, कृषि उप संचालक होशंगाबाद