चर्चा कुछ और भी
इधर शोभापुर से जुड़े सूत्रों ने बताया कि गेहूं कुछ दिनों से दुकानों में रखा गया है तथा कुछ मात्रा इसकी संभवत: शोभापुर के बाजार में एक व्यापारी को बेची भी गई है। पूछने पर अधिकारियों ने कहा कि उन्हें भी सूचना मिली थी जिसके बाद एक दुकान की जांच भी की गई है। इसके आगे अधिकारियों ने जानकारी देने से इंकार कर दिया है। अधिकारियों द्वारा जांच किए जाने से इस बात की तो पुष्टि होना प्रतीत हो रहा है कि गेहूं बाजार में बेचा गया है, लेकिन कितनी मात्रा तथा किस व्यापारी को बेची गई है, यह संभव है कि आगामी दिनों में ज्ञात हो जाए।
इधर शोभापुर से जुड़े सूत्रों ने बताया कि गेहूं कुछ दिनों से दुकानों में रखा गया है तथा कुछ मात्रा इसकी संभवत: शोभापुर के बाजार में एक व्यापारी को बेची भी गई है। पूछने पर अधिकारियों ने कहा कि उन्हें भी सूचना मिली थी जिसके बाद एक दुकान की जांच भी की गई है। इसके आगे अधिकारियों ने जानकारी देने से इंकार कर दिया है। अधिकारियों द्वारा जांच किए जाने से इस बात की तो पुष्टि होना प्रतीत हो रहा है कि गेहूं बाजार में बेचा गया है, लेकिन कितनी मात्रा तथा किस व्यापारी को बेची गई है, यह संभव है कि आगामी दिनों में ज्ञात हो जाए।
देंगे सुपुर्दगी
एसडीएम मैडम के आदेश पर कार्रवाई की जा रही है तथा पाया गया है कि अनाधिकृत रूप से गेहंू का बिना अनुमति निजी दुकानों में भंडारण किया गया है। लगभग 400 क्विंटल गेहूं है, जो कि तुलाई कराने के बाद नान को सौंपा जाएगा।
स्वाति वाईकर, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी, सोहागपुर।
एसडीएम मैडम के आदेश पर कार्रवाई की जा रही है तथा पाया गया है कि अनाधिकृत रूप से गेहंू का बिना अनुमति निजी दुकानों में भंडारण किया गया है। लगभग 400 क्विंटल गेहूं है, जो कि तुलाई कराने के बाद नान को सौंपा जाएगा।
स्वाति वाईकर, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी, सोहागपुर।
त्रुटि हुई थी
हमारे समिति आपरेटर से 400 क्विंटल गेहूं के परिवहन की दो ट्रकों के लिए बिल्टी कंप्यूटर से जनरेट हो गई थी। जिससे गेहूं का मिलान करना था मिलान के लिए खुले केंद्रों पर स्थान नहीं था। इसलिए यहां रखा था, मौखिक रूप से बता दिया था, लिखित अनुमति नहीं ले पाए थे।
राजेंद्र रावत, समिति प्रबंधक, सहकारी समिति खिडिय़ा(सोहागपुर)।
हमारे समिति आपरेटर से 400 क्विंटल गेहूं के परिवहन की दो ट्रकों के लिए बिल्टी कंप्यूटर से जनरेट हो गई थी। जिससे गेहूं का मिलान करना था मिलान के लिए खुले केंद्रों पर स्थान नहीं था। इसलिए यहां रखा था, मौखिक रूप से बता दिया था, लिखित अनुमति नहीं ले पाए थे।
राजेंद्र रावत, समिति प्रबंधक, सहकारी समिति खिडिय़ा(सोहागपुर)।