इनकी भी डिमांड
विंटर सीजन में फूल और बिना फूल वाले प्लांट्स और उनके बीज भी पसंद किए जा हरे हैं। इसमें पेंटास, आर्किड्स, बिगनोनिया और सफेद फूलोंं की बेल भी पसंद की जा रही है। गुलाब के नए पौधों को लगाने और उनकी कटिंग का भी यही समय है ऐसे में गुलाब की कई वैरायटीज की कलमें भी खरीदी जा रही है।
विंटर सीजन में फूल और बिना फूल वाले प्लांट्स और उनके बीज भी पसंद किए जा हरे हैं। इसमें पेंटास, आर्किड्स, बिगनोनिया और सफेद फूलोंं की बेल भी पसंद की जा रही है। गुलाब के नए पौधों को लगाने और उनकी कटिंग का भी यही समय है ऐसे में गुलाब की कई वैरायटीज की कलमें भी खरीदी जा रही है।
600 से ज्यादा किस्में
बाजार में 20 रुपए से 150 रुपए तक के प्लांट्स मिल रहे हैं। लोगों द्वारा सबसे ज्यादा डहेलिया, ट्यूलिप, गुलदाउगी, एस्टर, स्पाउज, केलीतोप, ग्लैंड आर्चित, थाइलैंड का मैरीगोल्ड ज्यादा पसंद किया जाता है। विंटर सीजन में गुलाब गुलदाउगी के प्लांट्स सबसे ज्यादा बिकते हैं।
बाजार में 20 रुपए से 150 रुपए तक के प्लांट्स मिल रहे हैं। लोगों द्वारा सबसे ज्यादा डहेलिया, ट्यूलिप, गुलदाउगी, एस्टर, स्पाउज, केलीतोप, ग्लैंड आर्चित, थाइलैंड का मैरीगोल्ड ज्यादा पसंद किया जाता है। विंटर सीजन में गुलाब गुलदाउगी के प्लांट्स सबसे ज्यादा बिकते हैं।
किस्मों की भी बढ़ी संख्या
विंटर में डहेलिया की करीब 50 से अधिक प्रजातियां बढ़ जाती हैं। लाल के साथ यह नीला, पीला, गुलाबी, बैंगन के साथ अन्य रंगों में मिलता है। सीजन में गुड़हल की वैरायटी भी कई रंगों में मिल रही हैं। सर्दियों में इसकी प्रजातियों की संख्या शहर में 7 से 8 प्रकार की हो जाती है। सर्दियों में गुलदाउगी की 30 से अधिक प्रजातियां शहर में मिल रही हैं। ट्यूलिप की 10 से अधिक, गुलाबों की 20 से अधिक किस्में मिल रही हैं।
विंटर में डहेलिया की करीब 50 से अधिक प्रजातियां बढ़ जाती हैं। लाल के साथ यह नीला, पीला, गुलाबी, बैंगन के साथ अन्य रंगों में मिलता है। सीजन में गुड़हल की वैरायटी भी कई रंगों में मिल रही हैं। सर्दियों में इसकी प्रजातियों की संख्या शहर में 7 से 8 प्रकार की हो जाती है। सर्दियों में गुलदाउगी की 30 से अधिक प्रजातियां शहर में मिल रही हैं। ट्यूलिप की 10 से अधिक, गुलाबों की 20 से अधिक किस्में मिल रही हैं।
विंटर प्लांट्स
डेहलियाए रोजमैरी, गुल, सेवंती, पिटूनिया, सिनोशिया, कॉसकॉम, ऑफिसटाइम, सालविया, बर्बीना, डायमंड, इम्पेशन, मैरीगोल्ड, ब्लू मैरीगोल्ड, एस्टर, ग्लैड ऑर्चित सहित अन्य ज्यादा पसंद आते हैं। गहरे रंगों के पौधे पसंदीदा
नर्सरी संचालक श्याम सिंह बताते हैं कि सर्दी के दौरान पौधों की खरीदारी बढ़ जाती है। इन दिनों गहरे और चटख रंगों के फूल देने वाले पौधों की मांग अधिक होती है। इसमें फोरविया और पॉइनसेटिया की मांग ज्यादा है। इसके कई तरह के शेड भी बाजार में हैं। उनका कहना है कि नर्सरी से जब पौधे घर में लगाएं तो गमले में मिट्टी, गोबर की खाद और रेत को बराबर मात्रा में लें। रेत की जगह कोकोपिट ले सकते हैं। इस मिश्रण से गमला भरकर तैयार रखें। ध्यान रहे कि जब गमले में पौधा रोपें, तो मिट्टी गीली न हो। पौधा हमेशा शाम को रोपें और रोपने के बाद अच्छी तरह पानी दें। चार से पांच दिनों तक गमला छाया में रखें। सुबह-शाम पानी देते रहें। 15 दिन बाद दाने डाल दे।
डेहलियाए रोजमैरी, गुल, सेवंती, पिटूनिया, सिनोशिया, कॉसकॉम, ऑफिसटाइम, सालविया, बर्बीना, डायमंड, इम्पेशन, मैरीगोल्ड, ब्लू मैरीगोल्ड, एस्टर, ग्लैड ऑर्चित सहित अन्य ज्यादा पसंद आते हैं। गहरे रंगों के पौधे पसंदीदा
नर्सरी संचालक श्याम सिंह बताते हैं कि सर्दी के दौरान पौधों की खरीदारी बढ़ जाती है। इन दिनों गहरे और चटख रंगों के फूल देने वाले पौधों की मांग अधिक होती है। इसमें फोरविया और पॉइनसेटिया की मांग ज्यादा है। इसके कई तरह के शेड भी बाजार में हैं। उनका कहना है कि नर्सरी से जब पौधे घर में लगाएं तो गमले में मिट्टी, गोबर की खाद और रेत को बराबर मात्रा में लें। रेत की जगह कोकोपिट ले सकते हैं। इस मिश्रण से गमला भरकर तैयार रखें। ध्यान रहे कि जब गमले में पौधा रोपें, तो मिट्टी गीली न हो। पौधा हमेशा शाम को रोपें और रोपने के बाद अच्छी तरह पानी दें। चार से पांच दिनों तक गमला छाया में रखें। सुबह-शाम पानी देते रहें। 15 दिन बाद दाने डाल दे।