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महिला शक्ति भाजपा छोड़ चुनावी रण में कूदीं, दे रहीं चुनौतियां

locationहोशंगाबादPublished: Jun 23, 2022 12:11:14 pm

Submitted by:

devendra awadhiya

भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशियों में चिंता का माहौल, निर्दलीय ठोंक रहे ताल

महिला शक्ति भाजपा छोड़ चुनावी रण में कूदीं, दे रहीं चुनौतियां

महिला शक्ति भाजपा छोड़ चुनावी रण में कूदीं, दे रहीं चुनौतियां

नर्मदापुरम. narmdapuram नगरीय चुनाव में नेता-पूर्व पार्षद पत्नियों को टिकट बांटने से उपजा अंसतोष इस्तीफों में तब्दील होने के बाद चुनावी संग्राम में बदल गया है। महिला शक्ति भाजपा छोड़ चुनावी रण में कूद गईं। पार्टी प्रत्याशियों को मैदानी चुनौतियां दे रहीं हैं। इससे पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों में चिंता का माहौल बढ़ रहा है। नर्मदापुरम शहर की ही बात करें तो सभी तैंतीस वार्डों में निर्दलीय ताल ठोंक रहे। बता दें कि बुधवार को भाजपा में डेढ़ दर्जन से अधिक जमीनी महिला कार्यकर्ताओं ने सामूहिक तौर पर जिलाध्यक्ष को अपने इस्तीफे सौंप दिए। इनमें कुछ पुरुष कार्यकर्ता भी शामिल हैं। पत्र में लिखा कि वे पार्टी से टिकट नहीं मिलने से निर्दलीय चुनाव लड़ रहीं है। साथ में यह भी कहा कि निचले कार्यकर्ताओं के अधिकारों का संरक्षण-संवर्धन नहीं है। क्या एकात्मक मानववाद की क्या यही सच्ची परिभाषा है। इन महिलाओं ने अपने दलीय दायित्व एवं दल की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे सौंप दिए। बता दें कि पार्टी हाइकमान ने फॉर्म वापस नहीं उठाने पर छह साल के निष्कासन का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन इसके उलट खुद कार्यकर्ताओं ने ही पार्टी का साथ छोड़ दिया। इस्तीफा देने वालों में वार्ड नंबर 15 से मंडल उपाध्यक्ष एवं पार्षद के टिकट की प्रबल दावेदार वंदना शर्मा, वार्ड नंबर 30 से वार्ड अध्यक्ष व विधायक प्रतिनिधि रेखा यादव, रजनी यादव, वार्ड 21 से चित्रा शर्मा, वार्ड 29 से सुचित्रा यादव, वार्ड 26 से माया केवट, वार्ड 31 से अखिलेश वर्मा, भवानी गौर, वार्ड 16 से सत्या चौहान, वार्ड 32 कमल सिंह चौहान, कीर्ति दीवान, जानकी बाई, कविता झा सहित आठ से अधिक अन्य महिलाएं-पुरुष कार्यकर्ता शाामिल रहे। रजनी यादव को छोड़कर सभी महिला कार्यकर्ता पार्टी के खिलाफ बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। इधर, कांग्रेस के आईटी सेल प्रभारी कपिल यादव ने भी अपनी पत्नी सरोज यादव को टिकट नहीं दिए जाने से नाराज होकर जिलाध्यक्ष सत्येंद्र फौजदार को अपना इस्तीफा सौंपा है। यहां से पार्टी ने सिंधी समाज को प्रतिनिधित्व देते हुए सुषमा खत्री को प्रत्याशी बनाया है। कपिल यादव ने यादव समाज की उपेक्षा का आरोप लगाया है। भाजपा में इस्तीफे देने वालों में तीन विधायक प्रतिनिधि एवं एक नगर मंडल उपाध्यक्ष शामिल हैं। सोशल मीडिया पर भी अंसतुष्ट कार्यकर्ताओं ने जमकर अपनी भड़ास निकाली और पार्टी के नेताओं को जमकर कोसते रहे।

बाबा समाधि पर एकत्रित होकर पहुंची पार्टी दफ्तर
भाजपा की असंतुष्ट महिला कार्यकर्ताएं पहले रामजीबाबा समाधि पर पहुंची। बाबा के दर्शन किए और निर्दलीय चुनाव में जीत की दुआ मांगने के बाद सीधे दोपहर करीब दो बजे भाजपा जिला कार्यालय पहुंचीं। यहां मौजूद नेताओं से उन्होंने उन्हें टिकट दिए जाने की अंतिम मांग रखी। जब नेताओं ने उनकी बातों को स्वीकार नहीं किया तो पहले से टाइप किए हुए जिलाध्यक्ष माधवदास अग्रवाल के नाम सामूहिक इस्तीफे पत्र को निकालकर कार्यालय में मौजूद कार्यालय संगठन मंत्री प्रशांत दीक्षित को सौंप दिया। इसके बाद ये सभी महिलाओं जिन्होंने निर्दलीय फॉर्म भरा था, उसे वापस न लेते हुए अपने-अपने जाकर वार्डो में जाकर प्रचार शुरू कर दिया।

हारे हुए पार्षद-नेताओं की पत्नियों को टिकट से नुकसान
सामूहिक इस्तीफे देने वाली भाजपा की इन जमीनी महिला कार्यकर्ताओं का आरोप था कि पार्टी में परिवारवाद के चलते हारे हुए नेताओं-पार्षदों की पत्नियों को प्रत्याशी बना दिए जाने से नुकसान होगा। पार्टी ने वार्डों के सर्वे, प्रत्याशियों की खराब छवि को भी ध्यान में नहीं रखा। रायशुमारी सिर्फ दिखावा रही और मनमाने तौर पर रिसोर्ट-होटल में बैठकर टिकट बांट दिए गए। पार्टी में हम जैसी जमीनी महिला कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दिया गया।
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