108 एंबुलेंस सेवा के जिला अधिकारी भरत पालीवाल लगातार टीम को इसके लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। समय-समय पर विद्यार्थियों व ग्रामीणों को प्रशिक्षण देकर जागरुक कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि भागदौड़ भरी जिंदगी में अनियमित दिनचर्या, अस्वस्थ खानपान और प्रदुषण के कारण कई तरह की बीमारियों का लोग शिकार हो रहे हैं। बीमारियों के लक्षण को नहीं पहचान पाने की वजह से ही उनके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। इसलिए सबसे जरूरी है कि बीमारियों के लक्षण को पहचानना, ताकि समय इलाज मिल सके।
108 एम्बुलेंस के मार्केटिंग मैनेजर तरुण सिंह बताते हैं कि हार्ट के मरीजों के लिए 108 एम्बुलेंस एक आपातकालीन निशुल्क अस्पताल है। इसमें मूलभूत उपकरण इडी मशीन, अम्बुबैग, ब्लडप्रेशर नापने के उपकरण, जीवन रक्षक ऑक्सीजन, आपातकालीन दवाइयां उपलब्ध हैं।
इतने हार्ट मरीजों की बचाई जान-
जनवरी – 43
फरवरी – 44
मार्च – 71
अप्रेल – 55
मई – 63
जून – 64
जुलाई – 51
अगस्त – 53 ऐसे करें मरीज की पहचान-
– सीने में तीव्र दर्द होना और बेचैनी होना।
– सीने में अकडऩ के साथ भारीपन, श्वास लेने में परेशानी होना।
– सीने का दर्द गर्दन, बायें हाथ, जबड़े तथा पीठ की तरफ फैलना।
– मतली व उल्टी होना, चक्कर आना।
– तीव्र दर्द के कारण मल-मूत्र का स्वत: ही विसर्जित होना।
बचाव के लिए ये करें-
पीडि़त को आरामदायक अवस्था में बैठाएं या लेटा दें। तुरंत ही 108 एंबुलेंस को सूचित करें। मरीज को कोई भी शारीरिक गतिविधि नहीं करने दें। मरीज को अके ला न छोड़ें। मरीज के तंग कपड़े ढ़ीले कर दें। मरीज को कोई भी चीज खाने पीने न दें।
पीडि़त को आरामदायक अवस्था में बैठाएं या लेटा दें। तुरंत ही 108 एंबुलेंस को सूचित करें। मरीज को कोई भी शारीरिक गतिविधि नहीं करने दें। मरीज को अके ला न छोड़ें। मरीज के तंग कपड़े ढ़ीले कर दें। मरीज को कोई भी चीज खाने पीने न दें।