सुरवाणी और वाणी संचालक आनंद नामदेव ने बताया कि संगीत प्रदर्शन के साथ व्यवासायिक कला भी है। हम कई राज्यों में जाकर अपनी कला दिखाते है लेकिन सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिलती। यह २२ सालों से यहां तबला सीख रहे हैं। साथ ही संस्था का संचालन भी कर रहे है। आदित्य नारायण परसाई का कहना है कि सरकार को इस क्षेत्र में रोजागर उपलब्ध कराना चाहिए, ताकि इससे अन्य बच्चे भी जुड़ें।