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World Music-Day: वेस्टन कलाकारों के चलते पिछड़े शास्त्रीय संगीत कलाकार

locationहोशंगाबादPublished: Jun 21, 2019 12:32:12 pm

Submitted by:

poonam soni

घरानेदार कलाकारों को मिला मंच, मध्यम वर्ग को अब भी तलाश

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World Music-Day: वेस्टन कलाकारों के चलते पिछड़े शास्त्रीय संगीत कलाकार

होशंगाबाद. संगीत एक ऐसी विद्या है जिसको सुनते ही मन में मिश्री जैसी घुल जाती है। इसके सुनते ही एक आत्मिक शांति का अनुभव होता है। संगीत पुरानी परंपरा भी है। लेकिन समय के बदलाव के साथ संगीत की विद्या भी बदलती जा रही है। संगीत कलाकार शास्त्रीय संगीत से वेस्टन को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। जिससे पुरानी कला खो रही है। संगीत शिक्षक पं. रामसेवक शर्मा का कहना है कि बच्चे संगीत कला से तो जुड़ रहे हैं लेकिन उन्हे सही मंच नहीं मिला रहा है। घरानेदार कलाकारों को तो मंच मिल जाता है, लेकिन मध्यम वर्ग के कलाकार पीछे रह जाते हैं। शहर में सुरवाणी व वीणापाणी संस्था में ऐसे ही कई कलाकार हैं जो बच्चों को निशुल्क सेवाएं दे रहे है।
सरकार नहीं करती कोई मदद
सुरवाणी और वाणी संचालक आनंद नामदेव ने बताया कि संगीत प्रदर्शन के साथ व्यवासायिक कला भी है। हम कई राज्यों में जाकर अपनी कला दिखाते है लेकिन सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिलती। यह २२ सालों से यहां तबला सीख रहे हैं। साथ ही संस्था का संचालन भी कर रहे है। आदित्य नारायण परसाई का कहना है कि सरकार को इस क्षेत्र में रोजागर उपलब्ध कराना चाहिए, ताकि इससे अन्य बच्चे भी जुड़ें।
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