युवाओं ने खोली विजय शंकर दुबे एकेडमी
गांव के युवाओं को सेना की तैयारी कराने वाले हरीश सादराम ने अपने चार दोस्तों के साथ मिलकर गांव में शहीद विजय शंकर दुबे के नाम से साल 2015 में एक एकेडमी शुरु की और तभी से वो युवाओं में देशभक्ति का जज्बा जगाते हुए उन्हें सेना में भर्ती होने के गुर सिखाते हैं। वर्तमान में इस एकेडमी में करीब 80 युवा ट्रेनिंग लेकर रहे हैं। खास बात ये है कि युवाओं को ट्रेनिंग देने के बदले कोई फीस नहीं ली जाती है। एकेडमी से ट्रेनिंग लेकर अभी तक करीब आधा दर्जन युवा सेना में भर्ती हो चुके हैं और कई युवा रेलवे और पुलिस की परीक्षाओं का फिजिकल टेस्ट भी पास कर चुके हैं।
सीनियर सदस्य व ग्रामीण करते हैं मदद
एकेडमी को चलाने वाले हरीश बताते हैं कि एकेडमी को चलाने में गांव के सीनियर सदस्य व ग्रामीण उनकी मदद करते हैं। गांव के शहीद के नाम को इस तरह आगे बढ़ाने के लिए ग्रामीणों को भी इन युवाओं पर गर्व है। शहीद विजय शंकर दुबे के परिजन भी युवाओं की इस पहल की सराहना करते हैं। एकेडमी के युवा इसे और आगे ले जाना चाहते हैं। साथ ही किसी प्राफेशनल और पूर्व सैनिक को भी एकेडमी से जोडऩे की योजना है जिससे बच्चों को और बेहतर तरीके से प्रशिक्षण दिया जा सके।
आज भी शहीद की समाधि पर जल रही अमर ज्योति
महज 22 साल की उम्र में देश के लिए शहीद होने वाले विजय शंकर दुबे की शहादत पर शहीद के परिजनों के साथ साथ पूरे गांव को गर्व है। आज भी शहीद विजय शंकर की समाधि पर अमर ज्योति जल रही है। शहीद के परिजन के साथ ही पूरे गांव के लोग इस अमर ज्योति का ध्यान रखते हैं और रोजाना उसे जलाने के लिए दीपक की समाधि पर जाते हैं।