ये है घटनाक्रम शुक्रवार को करीब सात लोग राजमहल पहुंचे। वहां तैनात सुरक्षा कर्मचारियों को हटाने लगे। राजमहल में घुसने लगे। सुरक्षा कर्मचारियों ने विरोध किया। घटना की सूचना पुलिस को दी गई। डीएसपी और अन्य अधिकारी दो थाने के पुलिसकर्मियों के साथ राजमहल पहुंचे। पुलिस ने कब्जा करने आए लोगों को हटाया और राजमहल पर कब्जा करने की कोशिश को विफल कर दिया। इसके बाद दोनों पक्षों में विवाद हो गया और दोनों थाने पहुंच गए। फरीदकोट रियासत की देखभाल कर रहे महारावल खीवा जी ट्रस्ट सीईओ डीआईजी जांगीर सिंह भी पहुंचे।
23 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट, एसआईटी को जांच 25 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति वाली फरीदकोट रियासत के मालिकाना हक का मामला अदालत में चल रहा है। फरीदकोट रियासत की वर्तमान समय में देखभाल महारावाल खीवा जी ट्रस्ट कर रही है, इस ट्रस्ट का गठन फरीदकोट रियासत के अंतिम राजा हरिंदर सिंह बराड़ की वसीयत के आधार पर किया गया था, ट्रस्ट पर महाराजा की दूसरी बेटी राजकुमारी दीपंदर कौर के बाद उनके बेटे जयचंद्र मेहताब का कब्जा है। घटनाक्रम में राजा हरिंदर सिंह बराड़ की बेटी राजकुमारी अमृतपाल कौर द्वारा फरीदकोट पुलिस को 3 जुलाई को शिकायत-पत्र सौंप कर राजा की वसीयत को जाली बताते हुए ट्रस्ट को अवैध करार दिया गया था। इस शिकायत की जांच-पड़ताल फरीदकोट पुलिस द्वारा किए जाने के उपरांत, कानूनी राय लिए जाने के बाद 7 जुलाई को ट्रस्ट के चेयरमैन जयचंद्र मेहताब समेत 23 लोगों को नामजद करते हुए मुकदमा दर्ज किया। मामला दर्ज किए जाने के बाद 9 जुलाई को एसएसपी फरीदकोट सरवनदीप सिंह द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी एच भूपिंदर सिंह के नेतृत्व में चार सदस्यीय एसआइटी का गठन कर दिया गया। अभी एसआईटी द्वारा ठीक से मामले को समझा भी नहीं गया था, कि कुछ लोगों द्वारा राजमहल पर कब्जे की कोशिश की गई।