scriptपाकिस्तान की ओर पानी रोकने वाले प्रोजेक्ट के बारे में आई बड़ी खबर | Shahpurkandi dam project on ravi river in pathankot Punjab | Patrika News
होशियारपुर

पाकिस्तान की ओर पानी रोकने वाले प्रोजेक्ट के बारे में आई बड़ी खबर

कोविड पाबंदियों के बावजूद अब तक मेन डैम का 45 प्रतिशत कार्य पूरा
अगस्त, 2023 से सालाना 1042 मिलियन यूनिट बिजली पैदा होने की आशा

होशियारपुरJun 25, 2020 / 06:50 pm

Bhanu Pratap

Shahpurkandi dam

Shahpurkandi dam

चंडीगढ़। कोविड -19 महामारी के फैलाव को रोकने के लिए लगाई गई पाबंदियों के बावजूद शाहपुरकंडी डैम प्रोजैक्ट को समय पर मुकम्मल करने के लिए जल स्रोत विभाग, पंजाब युद्ध स्तर पर कार्य कर रहा है। मुख्य डैम का अब तक 45 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है।
पंजाब और जम्मू-कश्मीर को लाभ

रावी नदी पर पठानकोट जिले में रणजीत सागर डैम के 11 किलोमीटर के डाउनस्ट्रीम और माधोपुर हैडवर्क्स के 8 किलोमीटर अपस्ट्रीम पर शाहपुरकंडी डैम प्रोजेक्ट बनाया जा रहा है। इससे रावी नदी के पानी का पाकिस्तान को बहाव घटेगा और इसका पंजाब और जम्मू-कश्मीर को लाभ होगा। इस परियोजना का कार्य मई 1999 में शुरू हो गया था, लेकिन पंजाब और जम्मू-कश्मीर में आपसी विवाद के बाद यह परियोजना 2014 में बंद हो गई थी। इस परियोजना की लागत 2285.81 करोड़ रुपये है।
45 फीसदी कार्य पूरा

पंजाब के जल स्रोत मंत्री स. सुखबिन्दर सिंह सरकारिया ने बताया कि कोविड -19 को रोकने के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण सभी विकास कार्य रुक गए थे। कोविड से बचाव सम्बन्धी ‘मिशन फतह’ के अंतर्गत बताए गए सभी सुरक्षा उपायों को यकीनी बनाते हुए जल स्रोत विभाग ने 29 अप्रैल, 2020 को शाहपुरकंडी डैम प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य फिर से शुरू किया है। अब, इस प्रोजैक्ट का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है और मेन डैम का 45 प्रतिशत कार्य पूरा किया जा चुका है।
Sukhbinder singh sarkaria
अगस्त, 2023 तक विद्युत उत्पादन की आशा

शाहपुरकंडी डैम प्रोजैक्ट के जलाशय की भराई साल 2022 के आधे तक शुरू होने की उम्मीद है। इस प्रोजैक्ट में अगस्त, 2023 तक बिजली उत्पादन शुरू होने की आशा है। इससे राज्य में सिंचाई प्रणाली और वातावरण समर्थकीय बिजली उत्पादन में और सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि यह माधोपुर हैड वर्क्स से शुरू होने वाली नहरी प्रणाली को एकसमान पानी की सप्लाई यकीनी बनाएगा। इस प्रोजेक्ट से पंजाब में तकरीबन 5000 हेक्टेयर क्षेत्रफल के लिए सिंचाई क्षमता पैदा होने की संभावना है। यू.बी.डी.सी. प्रणाली अधीन इस प्रोजेक्ट से 1.18 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई सुविधाएं मिलेंगी। इसके अलावा इस प्रोजेक्ट के मुकम्मल होने पर सालाना 1042 मिलियन यूनिट बिजली पैदा होगी।
पर्यटन भी बढ़ेगा

चीफ इंजीनियर (शाहपुरकंडी डैम प्रोजैक्ट) श्री एस. के. सलूजा ने बताया कि शाहपुरकंडी पावर हाउस में 206 मेगावाट बिजली उत्पादन के अलावा यह प्रोजेक्ट डाउनस्ट्रीम बिजली प्रोजेक्टों के लिए पानी की नियमित सप्लाई यकीनी बनाएगा। इस सरहदी इलाके में इस प्रोजेक्ट से पर्यटन क्षमता पैदा होगी और लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। पावर हाउस के निर्माण कार्यों के लिए टेंडर जल्द ही जारी किये जाएंगे। पीएसपीसीएल ने पावर हाउस के इलेक्ट्रोमकैनिकल सम्बन्धी कार्यों को बी.एच.ई.एल. को सौंप दिया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो