स्वास्थ्य मंत्री जुलकेफ्ली अहमद ने कहा कि बीते दिन को अधिकारियों ने बातेक जनजाति के 14 स्वदेशीय लोगों में से 12 की कब्रों का पता लगाने की कोशिश की, जिनकी पिछले महीने मृत्यु हो गई थी। इनमें से दो लोगों की मौतें निमोनिया ( pneumonia ) के कारण हुईं।
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राज्य समाचार एजेंसी बनार्मा की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि मृत्यु के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए शवों का पोस्टमार्टम ( autopsy ) करना महत्वपूर्ण है, ताकि इससे यह बात पता चले कि क्या रहस्यमयी बीमारी ने गांव में दूसरों को भी संक्रमित तो नहीं किया है।
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के विभाग के मंत्री पी. वेथा मूर्ति ने बीते दिन को 14 मौतों की पुष्टि की। गांव के कुल 83 निवासियों का इलाज किया जा रहा है जिनमें से 46 अस्पतालों में भर्ती हैं।
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मौतों की रिपोर्ट पिछले हफ्ते सामने आई, जहां स्वदेशीय जनजाति रहती है। गांव के मुखिया ने दावा किया कि खनन ने जल स्रोत को दूषित कर दिया है, यही बीमारी और मौत का कारण बन रहा है।
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उप-प्रधानमंत्री वान अजीजा वान इस्माइल ने एक बयान में चेतावनी दी है कि सरकार उस कंपनी को दंडित करेगी जिसने स्वदेशी लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पीने के पानी के स्रोत को दूषित किया है।