जापान में सन 1896 में आई उस सुनामी की जानकारी हमें पुराने अखबारों, अनुसंधान केंद्रों, रिसर्च मैगज़ीन से मिलती हैं।
आंकड़ों की बात करें तो जापान में हर साल लगभग 1500 छोटे-बड़े भूकंप आते रहते हैं। लेकिन 1896 में जब भूकंप आया तो वह अपने साथ सुनामी भी लेकर आया उस सुनामी और भूकंप ने 22 हज़ार लोगों को इकट्ठे ही लील लिया।
जापान के सानरिकू तट पर आई इस सूनामी के बाद जापान के लोगों की आंखें खुलीं और उन्होंने साल 1900 से ही भूगर्भीय हलचलों और दुर्घटनाओं की जानकारी आधिकारिक तौर रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया।
कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भूकंप के लिहाज से जापान बेहद संवेदनशील देश है। इसका प्रमुख कारण यहां मिलने वाली धरती की सबसे अशांत टेक्टोनिक प्लेट्स को माना जाता है।
यह टेक्टोनिक प्लेटें एक अभिकेंद्रित सीमा बनाती हैं, जिसके कारण यह क्षेत्र दुनिया के सर्वाधिक भूकंपों का केन्द्र बन जाता है।
जानकारों की मानें तो यह प्लेटें लगातार पेसिफिक प्लेट, फिलिपींस प्लेट और अमरीकी प्लेट के नीचे जा रही हैं।
यही वजह है कि जापान में हर साल 1500 छोटे-बड़े भूकंप आते रहते हैं।