बच्चों के 2100 पन्नों के रामायण की गाथा इन दिनों सोशल मीडिया पर भी खूब सुर्खियां बंटोर रही है। राजस्थान के जालौर में रहने वाले इन भाई-बहन का नाम माधव और अर्चना है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल लॉकडाउन के चलते दूर्ददर्शन चैनल पर प्रसारित हुए रामायण को देखकर बच्चों को इसे लिखने की प्रेरणा मिली। शुरू में माधव और अर्चना ने अपने पूरे परिवार के साथ इसे देखा। बाद में दोनों की दिलचस्पी रामायण में इतनी ज्यादा बढ़ी कि उन्होंने पूरा कार्यक्रम देखने के साथ खुद तीन बार श्रीरामचरितमानस पढ़ ली। इसी बीच उन्हें अपने पिता से भी खूब सपोर्ट मिला। नतीजतन दोनों ने पेन और पेंसिल से रामायण लिखने का निर्णय लिया। दोनों बच्चों ने रामायण को सात हिस्सों में लिखा है। इनमें बाल कांडए अयोध्या कांड एअरण्य कांडए किष्किंधा कांड ए सुंदर कांडए लंका कांड और उत्तर रामायण शामिल है।
2100 से अधिक पन्नों की इस रामायण को लिखने के लिए करीब 20 कॉपियां लग गईं। माधव ने 14 कॉपियों में बालकांड, अयोध्याकांड, अरण्यकांड और उत्तरकांड लिखा है। वहीं छोटी बहन अर्चना ने 6 कॉपियों में किष्किंधा कांड, सुंदर कांड और लंका कांड के बारे में लिखा है। इन सबके बारे में लिखते-लिखते दोनों बच्चों को रामचरितमानस में मौजूद दोहे, छंद और चौपाइयां तक काफी याद हो गई हैं। मालूम हो कि माधव जोशी और उनकी बहन अर्चना तीसरी और चौथी कक्षा में पढ़ते हैं।