ओडिशा के बारिपदा क्षेत्र में रहने वाली श्रुति की इस दरियादिली को देख हर कोई उनसे प्रभावित है। इस बारे में खुद श्रुति का कहना है कि ”मेरे बालों से ज्यादा कीमती एक कैंसर पेशेंट के चेहरे की मुस्कान है”। कैंसर मरीजों की मदद के लिए बाल दान करने का आईडिया उन्हें अपनी अपनी एक सहेली की मां को देखकर मिला। दरअसल वो एक कैंसर पीड़ित हैं। उनकी कीमोथैरेपी चल रही थी जिसके चलते वे अपने बाल खो चुकी थीं। उनकी मदद करने के इरादे से श्रुति ने अपने लंबे बालों को कटवाने का फैसला किया।
श्रुति एनएसएस की एक वालंटियर हैं। इसी के चलते वह समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी समझती हैं। उनके इस निर्णय से उनकी मां भी काफी खुश है। उन्हें अपनी बेटी के इस नेक काम पर गर्व है। बताया जाता है कि श्रुति ने अपने बाल एक ऐसी संस्था को दान किए हैं जो कैंसर पेंशेंट्स के लिए विग बनाने का काम करती है। श्रुति ने इंटरनेट के जरिए संस्था के बारे में जानकारी जुटाई और उनसे संपर्क किया। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने अपने बाल कोरिअर के जरिए संस्था तक पहुंचाए।