लासा बुखार
यह एक वायरल इंफेक्शन है। इसकी चपेट में आने से व्यक्ति की किडनी लीवर और स्प्लीन बुरी तरह से प्रभावित होते हैं। यह बीमारी यूरिन, मल और दूषित चीजों से एक दूसरे में फैल सकते हैं। इस बीमारी से अफ्रीका में कई लोगों की जान जा चुकी है लेकिन अभी तक वैज्ञानिक इसका इलाज नहीं खोज पाए हैं।
यह एक वायरल इंफेक्शन है। इसकी चपेट में आने से व्यक्ति की किडनी लीवर और स्प्लीन बुरी तरह से प्रभावित होते हैं। यह बीमारी यूरिन, मल और दूषित चीजों से एक दूसरे में फैल सकते हैं। इस बीमारी से अफ्रीका में कई लोगों की जान जा चुकी है लेकिन अभी तक वैज्ञानिक इसका इलाज नहीं खोज पाए हैं।
सार्स
वैज्ञानिकों के मुताबिक दुनिया भर में कोविड-19 के फैलने के पीछे सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम यानी सार्स जिम्मेदार था। इस घातक रोग के चलते साल 2002 में करीब 26 देशों में तबाही मची थी। इस में मरने वालों की संख्या काफी ज्यादा थी। रेस्पिरेट्री ड्रॉपलेट्स के चलते फैलने वाली इस बीमारी का अभी तक वैज्ञानिक कोई वैक्सीन तैयार नहीं कर पाए हैं।
वैज्ञानिकों के मुताबिक दुनिया भर में कोविड-19 के फैलने के पीछे सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम यानी सार्स जिम्मेदार था। इस घातक रोग के चलते साल 2002 में करीब 26 देशों में तबाही मची थी। इस में मरने वालों की संख्या काफी ज्यादा थी। रेस्पिरेट्री ड्रॉपलेट्स के चलते फैलने वाली इस बीमारी का अभी तक वैज्ञानिक कोई वैक्सीन तैयार नहीं कर पाए हैं।
निपाह वायरस
साल 2018 में केरल में बड़े पैमाने पर फैली यह बीमारी चमगादड़ से इंसानों में फैलती है। इसके लक्षण और ट्रांसफिम होने के तरीकों से भविष्य में इसके फैलने की संभावना बढ़ जाती है। बताया जाता है कि इस बीमारी में नर्वस सिस्टम बेकार हो जाते हैं। साथ ही शरीर में सूजन आती है। सिर दर्द, उल्टी, चक्कर और घबराहट जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। कई वैज्ञानिक इस वायरस को खसरे के वायरस से भी जोड़कर देख रहे हैं। हालांकि वैज्ञानिक अभी तक इसका सटीक इलाज नहीं ढूंढ पाए हैं।
साल 2018 में केरल में बड़े पैमाने पर फैली यह बीमारी चमगादड़ से इंसानों में फैलती है। इसके लक्षण और ट्रांसफिम होने के तरीकों से भविष्य में इसके फैलने की संभावना बढ़ जाती है। बताया जाता है कि इस बीमारी में नर्वस सिस्टम बेकार हो जाते हैं। साथ ही शरीर में सूजन आती है। सिर दर्द, उल्टी, चक्कर और घबराहट जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। कई वैज्ञानिक इस वायरस को खसरे के वायरस से भी जोड़कर देख रहे हैं। हालांकि वैज्ञानिक अभी तक इसका सटीक इलाज नहीं ढूंढ पाए हैं।