घायल मरीजों को केक खिलाने का ये सिलसिला साल 2009 से शुरू हुआ था। उस वक्त रेयान अस्पताल में अपनी बीमार बहन से मिलने पहुंची थीं। यहां वह उनके लिए केक लेकर गई थीं। उसी अस्पताल में भर्ती सैनिकों के साथ भी उन्होंने केक बांटा था। लेकिन सैनिकों ने मजाक में अपने लिए अलग से ट्रीट देने की बात कही। अगले दिन रेयान 35 सैनिकों के लिए केक लेकर पहुंच गईं। एक छोटे से केक के टुकड़े से उस वक्त कई मरीजों के चेहरे पर मुस्कान आ गई। तभी से रेयान ने अस्पतालों में भर्ती घायल सैनिकों को केक खिलाने का निर्णय लिया।