चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग टीम में शामिल है ये किसान का बेटा, पिता ने कही ये बात
अधिकारियों ने जब वीडियो देखा तो उनके होश उड़ गए। वीडियो देख उन्हें समझ आ गया कि मुफ्त में खाना पाने के लिए सुरेंद्र ये चाल चल रहे थे। अधिकारियों ने बात को साझा करते हुए कहा कि लगता है वो ऐसा काफी समय से कर रहे हैं। सुरेंद्र पाल से जब पूछताछ हुई तो उन्होंने सारी सच्चाई बता दी। सुरेंद्र का कहना है कि एक मानसिक रोगी हैं। दरअसल, जिसे वे छिपकली बताते थे वह एक छोटी मछली थी जिसे मानसिक रोग दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। बुजुर्ग का दावा है कि वह मानसिक रूप से अस्थिर हैं और उन्हें ब्लड कैंसर भी है। शख्स की उम्र का ख्याल रखते हुए प्रशासन ने उन्हें कोई सजा नहीं दी लेकिन उन्हें समझाया कि ऐसा करना गलत है।