हम यहां चीन में स्थित जियानसू नामक जगह की बात कर रहे हैं जहां 84 साल की एक बूढ़ी औरत हर रोज लाठी के सहारे एक किंडरगार्डेन स्कूल में जाती है। स्कूल के गेट पर खड़े पहरेदारों से अपनी बेटी के बारे में पूछती है।
सभी इस दृश्य को देख हैरान रह जाते हैं क्योंकि अब 84 साल की महिला की बेटी भला किंडरगार्डेन स्कूल में क्यों पढ़ेगी! हर रोज इस बूढ़ी मां को यहां आते देख पहरेदारों ने उनसे उनकी बेटी के बारे में पूछा कि आखिर उनकी बेटी का नाम क्या है जिसकी तलाश में इस उम्र में भी वह यहां खींची चली आती है। इस सवाल पर वह महिला कहती हैं कि बेटी का नाम तो उन्हें याद नहीं है, लेकिन सर नेम यानि कि उपनाम बता सकती है।
इस बात पर भी सभी हैरान हो जाते हैं कि आखिर एक मां कैसे अपनी बच्ची का नाम भूल सकती है! बेटी की तलाश में रोज आने वाली इस बूढ़ी औरत को देखकर गार्ड का दिल पसीज गया और एकदिन उसने यह बात स्कूल प्रशासन तक पहुंचायी। जिसके बाद स्कूल प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सिर्फ उस उपनाम के आधार पर पुराने सारे रिकॉर्ड्स को चेक किया, लेकिन इसके बावजूद भी उनके हाथ कुछ भी नहीं लगा।
इसके बाद भी जब बूढ़ी औरत ने स्कूल आना बंद नहीं किया तो मजबूरन स्कूल प्रशासन को इस बात की सुचना पुलिस को देनी पड़ी। मौके पर पहुंचकर पुलिस जैसे तैसे वृद्धा की बेटी से सम्पर्क कर उन्हें वहां पर बुलाती है और मां को घर लेकर जाने की बात कहती है।
बेटी के पहुंचने पर पता चलता है कि उसकी मां पिछले कई सालों से अल्जाइमर से पीड़ित है। सिवाय स्कूल यूनिफार्म पहने अपनी बच्ची के चेहरे के अलावा उन्हें कुछ भी उतना याद नहीं है। उसी दिन को याद कर आज भी यह बूढ़ी मां अपनी बेटी को लेने स्कूल आती हैं जैसा पहले कभी आया करती थीं।
अल्जाइमर के चलते बूढ़ी मां सबकुछ भूल चुकी हैं, लेकिन उन्हें आज भी तीस साल पहले की अपनी बेटी के बचपन की वे सारी बातें याद हैं जिनके सहारे वह आज जीती हैं।