बेलारूस ( Belarus ) अपने निकट पड़ोसी यूरोपीय देश, यूक्रेन और रूस की तरह कड़े कदम नहीं उठा रहा। इस बीच कहा जा रहा है कि यूक्रेन जल्द ही कोरोना को रोकने के लिए इमरजेंसी की घोषणा कर सकता है। रूस ने सभी स्कूलों को बंद कर दिया है, सार्वजनिक कार्यक्रमों पर पाबंदी लगाई है।
रूस ( Russia ) ने ज्यादातर देश से आने जाने वाली सभी उड़ानों को भी रद्द किया है, लेकिन बेलारूस में कामकाज आम दिनों की तरह सामान्य दिख रहा है। लोग यहां हर रोज काम पर जा रहे हैं और लोग जरूरी सामान खरीदने के लिए भी दुकानों पर भीड़ नहीं लगा रहे।
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जब पूरी दुनिया में कोरोना से लोग सहमें हुए है ऐसे में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लूकाशेन्को ( Alexander Lukashenko ) कहते हैं कि फिलहाल देश में कोरोना को पैर पसारने से रोकने के लिए ज्यादा एहतियात उठाने की जरूरत नहीं है। चीन के राजदूत से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, इस तरह की घटनाएं तो होती रहती हैं। लेकिन जरूरी ये है कि उन्हें लेकर लोगों में दहशत न फैले।’
बेलारूस ( Belarus ) में मौजूदा वक़्त में भी सिनेमाघर बंद नहीं किए गए हैं। इसके साथ ही यहां किसी तरह के सार्वजनिक कार्यक्रम पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। बेलारूस में हो रहे फुटबॉल मैच ( Football Match ) आम दिन की तरह कराए जा रहे हैं।
लूकाशेन्को कहते हैं कि चिंता करना बेहद खतरनाक है, ये आपके लिए किसी वायरस से भी अधिक घातक साबित हो सकता है। उन्होंने देश की खुफिया एजेंसी बेलारूसी केजीबी को, ‘आम लोगों के बीच अफवाह फैलाने और दहशत फैलाने वालों को पकड़ने के लिए सख्त आदेश दिए है।
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अब तक देश में कोरोना वायरस ( Coronavirus ) के कुल 86 मामले सामने आए हैं और यहां इस कारण मात्र दो मौतें हुई हैं। बेलारूस ( Belarus ) ने आधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टि नहीं की है कि इन मौतों का कारण कोरोना वायरस ( Coronavirus ) है।
हालांकि ऐसा नहीं है कि बेलारूस में रहने वालो लोग पूरी दुनिया में फैले कोरोना की तबाही से अंजान हैं और वो इस वायरस के बढ़ते प्रकोप को लेकर चिंतित नहीं हैं। यहां के कई युवा और स्कूली छात्र बीमारी का बहाना बना तक छात्रों से भरी क्लास में जाने से बच रहे हैं।