बिजली का बिल जमा करने गया शख्स हाथरस के एक नामी चिलर प्लांट का मैनेजर है। उनका नाम कपिल पाठक है। चिलर प्लांट के मैनेजर का दावा है कि बकाया जमा करने के लिए वे विभाग के कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन बकाया जमा नहीं किया जा रहा। उनका कहना है कि उनके चिलर प्लांटसे निकलने वाली बर्फ व दूध आदि की बिक्री से उन्हें सिक्के प्राप्त होते हैं। उन्हीं सिक्कों से वे सभी पार्टियों को भुगतान करते हैं। वे लगातार आरबीआई से जारी व चलन में रहने वाले सिक्कों को लेकर भुगतान करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन विद्युत विभाग के अधिकारी सिक्कों को स्वीकार नहीं कर रहें।
बिजली विभाग का कहना है कि चिलर प्लांट की ओर से 10 लाख 94 हजार रुपए का भुगतान सिक्कों के तौर पर किया जा रहा था। चूंकि बैंक बहुत अधिक संख्या में सिक्के स्वीकार नहीं करता है। ऐसे में बिजली विभाग की ओर बिल का भुगतान स्वीकार नहीं किया जा सकता है। मालूम हो कि इससे पहले कर्नाटक में एक मामला सामने आया था। जिसमें एक भाई अपनी बहन को स्कूटी दिलाने के लिए रुपयों का भुगतान सिक्कों से किया था।