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बच्चे के स्कूल बैग के लिए इस गरीब पिता पर नहीं थे पैसे, फिर उठाया ये कदम…

locationनई दिल्लीPublished: Jun 24, 2019 10:52:42 am

Submitted by:

Prakash Chand Joshi

बच्चे के पिता पेशे से किसान है
सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं तस्वीरें
स्कूल टीचर ने शेयर की फोटो

school bag

बच्चे के स्कूल बैग के लिए इस गरीब पिता पर नहीं थे पैसे, फिर उठाया ये कदम…

नई दिल्ली: हर माता-पिता ( parents ) चाहते हैं कि उनकी आंखों का तारा यानि उनका बच्चा खूब पढ़-लिखकर बड़ा आदमी बने। लेकिन इस महंगाई भरे दौर में स्कूल ( School ) की फीस, किताबों पर खर्च, स्कूल ड्रेस, स्कूल बैग समेत अन्य खर्चे उठाना हर किसी के बस की बात नहीं। ऐसा ही कुछ एक पिता के साथ भी हुआ। गरीबी के चलते इस पिता के पास अपने बेटे के लिए स्कूल बैग ( school bag ) खरीदने तक के पैसे नहीं थे। ऐसे में पिता ने अपने हाथों से ही बच्चे के लिए बैग बना दिया, जिसकी सोशल मीडिया पर लोग काफी तारीफ कर रहे हैं।

 

इस पिता को सलाम

मामला कम्बोडिया ( Cambodia ) का है, जहां पर एक किसान के पास अपने बेटे एनवाई केंग के लिए स्कूल बैग खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। ऐसे में इस पिता ने अपने हाथों से अपने बच्चे के लिए एक खूबसूरत स्कूल बैग बना दिया, जिसकी तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर वायरल ( viral ) हो रही हैं। पिता द्वारा बनाए गए बैग की फोटो को स्कूल टीचर ने फेसबुक ( Facebook ) पर शेयर किया। टीचर ने कहा कि कितनी बार देखा गया है कि स्कूल की मूलभूत जरूरते पूरा न होने के कारण माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते। ऐसे में इन माता-पिता को केंग के पिता जैसा विकल्प निकालना चाहिए। दरअसल, हुआ कुछ यूं था कि जब 5 साल का एनवाई केंग कम्बोडिया में अपने नए स्कूल पहुंचा तो हर कोई उसके बैग को देखता रह गया।

school bag

पिता ने ऐसे तैयार किया बैग

रिपोर्ट के मुताबिक, केंग के पिता ने इस बैग को राफिया स्ट्रिंग के इस्तेमाल से बनाया है। केंग की टीचर ( Teacher ) एक पिता की क्रिएटिविट और बच्चे की पढ़ने की लगन को लोगों तक पहुंचाना चाहती थी। इसलिए उन्होंने इन तस्वीरों को सोशल मीडिया ( social media ) पर शेयर किया। टीचर का कहना है कि एक साधारण स्कूल बैग की कीमत 30000 Riels यानि कि 488 रुपये है। ऐसे में कुछ अभिभावक इतना महंगा बैग अपने बच्चों को नहीं दिला पाते, लेकिन उन्हें निराश होने की जरुरत नहीं है, बल्कि केंग के पिता से सीखने की जरूरत है।

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