scriptThailand : नए ढंग से खुले स्कूल, हर एक सीट में लगी कार्ड बोर्ड बैलेट बॉक्स, बच्चों के लिए बनाए गए खास नियम | After 3 months, schools will be opened in Thailand in some new way | Patrika News

Thailand : नए ढंग से खुले स्कूल, हर एक सीट में लगी कार्ड बोर्ड बैलेट बॉक्स, बच्चों के लिए बनाए गए खास नियम

locationनई दिल्लीPublished: Jul 04, 2020 12:19:15 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

Highlights
– 31 जुलाई के बाद सरकार (Central Government) इस फैसले पर विचार करेगी कि कब स्कूल खोले जाए और कैसे खोले जाए-इस बीच लंबे इंतजार के बाद थाईलैंड देश में स्कूल (Thailand School) खोल दिए गए हैं, लेकिन यहां स्कूल (When Will School Open) खोलने का एक अनोखा अंदाज सामने आया है- जिसकी लोग काफी तारीफ कर रहे हैं, दुनिया भर के स्कूलों को इससे सीख लेनी चाहिए

Thailand : नए ढंग से खुले स्कूल, हर एक सीट में लगी कार्ड बोर्ड बैलट बॉक्स, बच्चों के लिए बनाए गए खास नियम

Thailand : नए ढंग से खुले स्कूल, हर एक सीट में लगी कार्ड बोर्ड बैलट बॉक्स, बच्चों के लिए बनाए गए खास नियम

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus in World) का कहर लगातार जारी है। इस महामारी के चलते भारत में सभी स्कूलों को 31 जुलाई तक बंद (School Closed 31 july) करने के सख्त आदेश दिए गए हैं। सरकार ने कहा कि 31 जुलाई तक स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए है। वहीं का 31 जुलाई के बाद सरकार (Central Government) इस फैसले पर विचार करेगी कि कब स्कूल खोले जाए और कैसे खोले जाए।
इस बीच लंबे इंतजार के बाद थाईलैंड देश में स्कूल (Thailand School) खोल दिए गए हैं, लेकिन यहां स्कूल (When Will School Open) खोलने का एक अनोखा अंदाज सामने आया है। जिसकी लोग काफी तारीफ कर रहे हैं। दुनिया भर के स्कूलों को इससे सीख लेनी चाहिए। यहां स्कूल आने से पहले बच्चों को घर में ही self quarantine रहने के लिए कहा जाता है इसके साथ ही यहां क्लास में कार्ड बोर्ड बैलट बॉक्स (Card board ballot box) लगाए गए हैं। इनके पीछे एक ही स्टूडेंट (Student) बैठ सकता है। इस नए तरीके की हर कोई तारीफ कर रहा है।

प्राइवेट साधनों आने की इजाजत

यह स्कूल थाईलैंड के Samkhok School जोकि Pathum Thani में है। एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक ये स्कूल थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक से 50 किलोमीटर दूरी पर है। यहां लगभग 5000 बच्चे पढ़ते हैं। Chuchart Thiengtham इस स्कूल के प्रिंसिपल हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल आने से पहले बच्चों को घर में ही सेल्फ क्वारंटाइन रहने के लिए कहा गया था। यहां तक कि बच्चों को प्राइवेट साधनों के जरिए ही स्कूल आने की इजाजत है।
दी जाती है फेस शिल्ड

वो आगे कहते हैं, ‘जब एक बार स्टूडेंट्स स्कूल आ गए तो उन्हें मास्क पहनना अनिवार्य है। यहां तक कि कुछ एक्टिविटी में तो फेस शिल्ड भी दी जाती है।’ इतना ही नहीं बच्चों का तापमान भी रोज चेक होता है और उसकी तमाम जानकारी एक मैसेज के जरिए उनके माता-पिता के फोन पर भेजी जाती है।
हर सीट में लगा है क्लास कार्ड बोर्ड

यहां तक कि क्लासरूम में भी सोशल डिस्टेंस बनाने को लेकर काम किया गया है। क्लास में कार्डबोर्ड बैलट बॉक्स लगाए गए हैं। इनके पीछे एक ही स्टूडेंट बैठ सकता है। Kanlaya Srimongkhol बताते हैं कि उन्हें बॉक्स के पीछे बैठकर पढ़ाई करना अच्छा लग रहा है क्योंकि यह उन्हें सेफ रखता है।

गौरतलब है कि भारत में कोरोना वायरस के चलते मार्च के महीने में लॉकडाउन शुरु होते ही सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया था जिस बीच 10वीं और 12वीं के बोर्ड एग्जाम समेत कई परीक्षाएं टल गई थी जो अभी भी बाकी हैं। हालांकि अब भी कोविड संक्रमित लोगों का आंकड़ा देश में लगातार बढ़ता जा रहा है और अब ये छह लाख के पार जा चुका है, पर देश इस वक्त लॉकडाउन हटा कर ‘अनलॉक’ के दौर में हैं।
केंद्र सरकार ने स्कूलों को खोलने को लेकर कई तरह की गाइडलाइन जारी की हैं जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन जैसी चीजों को लेकर कुछ नियम हैं। साथ ही स्कूलों में सिर्फ 30-40 फीसदी की स्ट्रेंथ रखने की भी बात की गई है। दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में जहां इंफेक्शन का जोखिम ज्यादा है वहां शायद अभी कुछ महीने तक स्कूल ना खुलें तो वहीं कुछ शहरों में चरणों में स्कूलों को खोलने की बात हो रही है।
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