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शिकागो यूनिवर्सिटी (University of Chicago) के द एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट (The Energy Policy Institute) के स्टड़ी के मुताबिक भारत की आबादी का एक चौथाई हिस्सा प्रदूषण (Pollution) को झेलने के लिए मजबूर हैं। इसकी वजह से उनके जिंदगी के साल भी कम होते जा रहे हैं। अध्यन के मुताबिक बांग्लादेश के बाद भारत दुनिया में दूसरा देश है जहां पर लोगों की उम्र घट रही है।
इस स्टडी में बताया गया है कि वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक (Air Quality Life Index) यानी जीवन जीने के लिए जिस गुणवत्ता की हवा चाहिए, उस मामले में भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों पर खरा नहीं उतरता है।
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स्टडी में पता चला है कि देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है।यहां लोगों की लाइफ एक्सपेक्टेंसी 10.3 साल घट गई है। जबकि, दिल्लीवासियों की 9.4 साल घट गई है।
शिकागो यूनिवर्सिटी (University of Chicago) की स्टडी के मुताबिक अगर भारत अगले कुछ सालों में प्रदूषण का स्तर 25 फीसदी घटा लेता है तो यहां का राष्ट्रीय लाइफ एक्सपेक्टेंसी 1.6 साल बढ़ जाएगी। वहीं दिल्ली के लोगों के लिए यह 3.1 साल बढ़ जाएगी।
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बताते चलें कि भारत सरकार वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए पहले से काम कर रही है। इसके लिए Chicago University और गुजरात प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड पार्टिकुलेट मैटर (कण प्रदूषण) पर काम कर रह हैं।