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शिव-पार्वती के विवाह स्थल पर अब होगी आकाश और श्लोका की शादी, ऐसे चल रही है जोरों की तैयारी

Published: Aug 04, 2018 01:41:05 pm

Submitted by:

Arijita Sen

मुकेश अंबानी और नीता अंबानी के बेटे आकाश अंबानी और हीरा कारोबारी रसेल मेहता की बेटी श्‍लोका मेहता की शादी भी इसी मंदिर में होगी।

Akash and Shloka

शिव-पार्वती के विवाह स्थल पर अब होगी आकाश और श्लोका की शादी, ऐसे चल रही है जोरों की तैयारी

नई दिल्ली। देवभूमि के नाम से मशहूर उत्तराखंड में ऐसे कई सारे मंदिर है जो कि बहुत प्राचीन है और साथ ही इनकी महिमा भी बहुत है। उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग में स्थित एक ऐसा ही मंदिर है जिसे त्रियुगी नारायण मंदिर के नाम से जाना जाता है।

वादियों के बीच स्थित इस मंदिर का उल्लेख वेदों में भी किया गया है। ऐसा वर्णित है कि इस मंदिर की स्थापना त्रेता युग में किया गया था। मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह स्थल है।

जी हां, इसी स्थान पर इन दोनों का विवाह हुआ था और अब इस बात का अंदेशा लगाया जा रहा है कि भारत के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी और नीता अंबानी के बेटे आकाश अंबानी और हीरा कारोबारी रसेल मेहता की बेटी श्‍लोका मेहता की शादी भी इसी मंदिर में होगी।

त्रियुगी नारायण मंदिर

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि इसी साल जून महीने की 30 तारीख को मुंबई में इन दोनों की सगाई हुई थी। इंगेजमेंट के बाद अब पूरा अंबानी पर‍िवार इन दोनों की शादी की तैयार‍ियों में जुट गया है। इस शाही शादी के ल‍िए अब वेड‍िंग डेस्‍ट‍िनेशन की तलाश की जा रही है।

त्रियुगी नारायण मंदिर

मीडिया रिपोर्ट से मिली सूत्रों के अनुसार, आकाश और श्वेता की शादी उत्‍तराखंड के रुद्रप्रयाग में हो सकती है। ये दोनों उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के मशहूर त्रियुगी नारायण मंदिर में एक दूसरे के साथ विवाह बंधन में बंध सकते हैं। मीडिया र‍िपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि रिलायंस कंपनी के अधिकारियों की एक टीम कुछ द‍िन पहले यहां का दौरा कर चुकी है।

अखंड ज्योति

अगर वास्तव में ऐसा होता है तो इससे इस स्‍थान की अच्छी खासी ब्रांड‍िंग होगी जिससे पर्यटन को काफी बढ़ावा म‍िलेगा। फलस्वरूप इसका सीधा लाभ राज्य को मिलेगा। रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। मशहूर इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां जिनकी शादी होती है उन्हें जिंदगी में कभी कोई कष्ट नहीं होता है।

Ambanis

त्रियुगी नारायण मंदिर की सबसे खास बात यह है कि मंदिर के अंदर अग्नि कई युगों से जल रही है इसलिए इस स्थल का नाम त्रियुगी हो गया इसका तात्पर्य है अग्नि जो कि तीन युगों से जल रही है।

यहां आने वाले श्रद्धालु इस अखंड ज्योति की भभूत अपने साथ लेकर जाते हैं ताकि उनका वैवाहिक जीवन भी भगवान शिव और पार्वती के जैसा हमेशा मंगलमय बना रहे।

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