धर्म

Gupt Navratri 2021: इस नवरात्रि पर करें ये खास पाठ, तंत्र सिद्धि और गुप्त मनोकामनाएं होंगी पूरी

कार्यालयों की व्यस्तता के चलते नवरात्रि में पूजा का समय सीमित…

Jul 09, 2021 / 07:12 pm

दीपेश तिवारी

Gupt Navratri puja path

Gupt Navratri Puja Path: हिंदू कैलेंडर में साल में आने वाली सभी चार नवरात्रियों में दुर्गासप्तशती का पाठ विशेष महत्व रखता है। ऐसे में इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2021, रविवार 11 जुलाई से शुरु हो रही है। वहीं अनलॉक की प्रक्रिया के बीच कई लोगों ने कार्यालयों व अपने व्यवसाय के स्थानों पर भी जाना शुरु कर दिया है।

इसके चलते जहां पिछले लंबे समय से लॉकडाउन के चलते भक्त त्यौहारों को पूरे जोर शोर से नहीं माना पा रहे थे। वहीं अब कार्यालयों की व्यस्तता के चलते नवरात्रि में पूजा का समय सीमित हो गया है। ऐसे में ज्योतिष के जानकारों व पंडितों के अनुसार कुछ ऐसे उपाय भी हैं, जिनकी मदद से कम समय में भी भक्त देवी माता का पूरा आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

Must Read- Gupt Navratri date 2021: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कब से हो रही प्रारंभ, जानें घटस्थापना का मुहूर्त और सभी महत्वपूर्ण तिथियां…

इस संबंध में पंडित एसके पांडे के अनुसार नवरात्रों में मां भगवती की आराधना दुर्गा सप्तशती से की जाती है, परन्तु समय का आभाव होने की स्थिति में भगवान् शिव रचित सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ भी अत्यंत ही प्रभावशाली और दुर्गा सप्तशती का सम्पूर्ण फल प्रदान करने वाला माना गया है, जो इस प्रकार है –

सप्तश्लोकी दुर्गा (सप्तशती)


विनियोग

ॐ अस्य श्री दुर्गा सप्तश्लोकी स्तोत्र मंत्रस्य, नारायण ऋषि: अनुष्टुप् छ्न्द:

श्री महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वत्यो देवता: श्री दुर्गा प्रीत्यर्थे सप्तश्लोकी दुर्गा पाठे विनियोग: ।

श्लोक

ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा
बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति ।।1।।

दुर्गे स्मृता हरसिभीतिमशेष जन्तो:
स्वस्थै: स्मृता मति मतीव शुभां ददासि
दारिद्र्य दु:ख भय हारिणि का त्वदन्या
सर्वोपकार करणाय सदार्द्र चित्ता ।।2।।

सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते ।।3।।

Must Read- गुप्‍त नवरात्र: ऐसे करें पूजा मिलेगा विशेष फल!

Gupt navratra
शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे
सर्वस्यार्ति हरे देवि नारायणि नमोऽस्तुते ।।4।।

सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्व शक्ति समन्विते
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तुते ।।5।।

रोगान शेषा नपहंसि तुष्टा
रुष्टा तु कामान् सकलान भीष्टान् ।
त्वामाश्रितानां न विपन् नराणां
त्वामाश्रिता ह्या श्रयतां प्रयान्ति ।।6।।
सर्वा बाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि
एकमेव त्वया कार्यमस्मद् वैरि विनाशनं ।।7।।

इति सप्तश्लोकी दुर्गास्तोत्र सम्पूर्णा ।।

जय मां भगवती !

संबंधित विषय:

Home / Astrology and Spirituality / Religion News / Gupt Navratri 2021: इस नवरात्रि पर करें ये खास पाठ, तंत्र सिद्धि और गुप्त मनोकामनाएं होंगी पूरी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.