script46500 KM की रफ्तार से आ रहा बड़ा उल्कापिंड, बस कुछ घंटे बाद पृथ्वी के करीब पहुंचेगा | asteroid coming to earth in few hours today nasa issue alert | Patrika News

46500 KM की रफ्तार से आ रहा बड़ा उल्कापिंड, बस कुछ घंटे बाद पृथ्वी के करीब पहुंचेगा

locationनई दिल्लीPublished: Jun 24, 2020 09:58:23 am

Submitted by:

Naveen

-Asteroid Coming to Earth: कोरोना संकट ( coronavirus ) के बीच अंतरिक्ष से एक नई मुसीबत तेजी से धरती की ओर बढ़ रही है।-इसको लेकर अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ( NASA Alert ) ने अलर्ट जारी किया है। नासा ने बताया कि धरती की तरफ एक विशालकाय उल्कापिंड आ रहा है। -इस उल्कापिंड ( Asteroid ) की रफ्तार 13 किलोमीटर प्रति सेकेंड की है। अगर यह समुद्र में गिरता है तो कई किलोमीटर तक तबाही मच सकती है।

asteroid coming to earth in few hours today nasa issue alert

46500 KM की रफ्तार से अंतरिक्ष से आ रहा बड़ा उल्कापिंड, बस कुछ घंटे बाद पृथ्वी के करीब पहुंचेगा

Asteroid Coming to Earth: कोरोना संकट ( coronavirus ) के बीच अंतरिक्ष से एक नई मुसीबत तेजी से धरती की ओर बढ़ रही है। इसको लेकर अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ( NASA Alert ) ने अलर्ट जारी किया है। नासा ने बताया कि धरती की तरफ एक विशालकाय उल्कापिंड आ रहा है। इस उल्कापिंड ( Asteroid ) की रफ्तार 13 किलोमीटर प्रति सेकेंड की है। अगर यह समुद्र में गिरता है तो कई किलोमीटर तक तबाही मच सकती है। नासा के अनुसार इस उल्कापिंड की साइज अमेरिका के स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी तीन गुना बड़ी है। वैज्ञानिकों ने इसे 2010एनवाई65 नाम दिया है, जिसकी लंबाई 1017 फीट है।

पृथ्वी के करीब से गुजरेगा
नासा के अनुसार, इसकी रफ्तार 46,500 किलोमीटर प्रतिघंटे रह सकती है।यह 24 जून को दोपहर 12.15 बजे पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेगा। पृथ्वी से इसकी दूरी करीब 37 लाख किलोमीटर दूर होगी। लेकिन, नासा का कहना है कि इस उल्कापिंड से धरती को कोई खतरा नहीं है। दरअसल, वैज्ञानिक पृथ्वी के 75 लाख किलोमीटर से कम दूरी पर गुजरने वाले सभी एस्टेरॉयड्स को धरती के लिए खतरनाक मानते हैं। अंतरिक्ष से आने वाले इन खगोलीय पिंडों को नीयर अर्थ ऑबजेक्टस ( NEO ) कहते हैं।

space_01.jpg

इससे पहले भी गुजर चुके है एस्टेरॉयड
जून में उल्कापिंड के धरती के करीब से गुजरने की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई उल्कापिंड ऐसे थे, जिनको लेकर नासा ने अलर्ट जारी किया था। 6 जून को 570 मीटर व्यास का एक उल्कापिंड पृथ्वी के करीब से गुजरा था। 8 जून को भी 2013एक्स22 उल्कापिंड, जिसकी रफ्तार 24,050 किलोमीटर प्रतिघंटा थी, धरती के 30 लाख किलोमीटर दूर से निकला था।

खतरनाक हो सकते है उल्कापिंड
नासा के मुताबिक, सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले खगोलीय पिंडों को उल्कापिंड कहते हैं। कई बार यह पृथ्वी के लिए नुकसानदायक होते हैं। 2013 में रूस में चेल्याबिंस्क उल्कापिंड गिरा था, जिससे भारी तबाही मची थी। उस दौरान करीब 1 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे। वहीं, हजारों घरों की खिड़कियां और दरवाजे क्षतिग्रस्त हो गए थे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो