जयपुरPublished: Jan 19, 2018 11:29:14 pm
विकास गुप्ता
असल में सच यह है कि दिल को टूटने से बचाया जा सकता है ठीक उसी तरह जिस तरह खतरों और मुश्किलों से खुद को बचाया जा सकता है।
कितने लोग दिल टूटने की प्लानिंग करते हैं? कितने लोग हैं, जो चोट नहीं खाना चाहते लेकिन इससे बचने की कोशिश करते हैं? इंसानी तौर पर हम प्यार से नहीं डरते लेकिन चोट खाने से डरते हैं। हम कमिटमेंट करने से नहीं डरते लेकिन इस बात से डरते हैं कि समय बर्बाद न हो जाए। कहने के मायने यह हैं कि हम रिलेशनशिप से नहीं डरते, बल्कि टूटे दिल के साथ उससे बाहर आने से डरते हैं। ज्यादातर का मानना है कि दिल को टूटने से बचाया नहीं जा सकता। असल में सच यह है कि दिल को टूटने से बचाया जा सकता है ठीक उसी तरह जिस तरह खतरों और