लक्ष्मी अग्रवाल ( छपाक ) को पसंद है म्यूजिक, इस खास मौके पर गा चुकी हैं ये गाना
केले और मक्खन का इस्तेमाल…
तिहाड़ में फांसी का रिहर्सल किया गया, उसे किसी जल्लाद ने नहीं बल्कि तिहाड़ के अधिकारियों ने अंजाम दिया। वहीं अब फांसी के फंदे को नरम रखने के लिए पके हुए केले मंगाए गए हैं। यहीं नहीं दोषियों को जिन फंदों से फांसी दी जाएगी उसे भी मक्खन में भिगोकर रखा जा रहा है। दरअसल, केले और मक्खन के प्रयोग से फंदा नरम हो जाएगा और गले में आसानी से फंसेगा जिससे फांसी की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। फंदों को नरम करने के बाद इन्हें स्टील के बक्से में सुरक्षित रख लिया जाएगा और फांसी वाले दिन यानी 22 जनवरी को निकाला जाएगा। फांसी से एक दिन पहले फंदों को और चिकना किया जाएगा ताकि फांसी की प्रक्रिया में कोई अड़चन न आए और न ही फंदा टूटे।
वहीं जेल सूत्र बताते हैं कि जब चारों दोषियों के गले का नाप लेने के लिए अधिकारी पहुंचे, तो वो डर गए और बुरी तरह रोने लगे। वो इतनी तेज रो रहे थे कि चारों को काउंसलर की मदद से शांत कराना पड़ा। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि कहीं वो गलत कदम न उठा ले। अब जरा इस इत्तेफाक को भी देखिए कि चारों की फांसी के लिए फंदा उसके गांव के पास ही बना है, जिसका नाम है बक्सर सेंट्रल जेल। यहां के ही फंदे से पूरे देश में फांसी दी जाती है।