बेनजीर भुट्टो दो बार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनीं। पहली बार उन्होंने साल 1988 से 1990 तक राज किया। इसके बाद दूसरी बार वह 1993 से 1996 तक पद पर काबिज रहीं। हालांकि भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी ठहराए जाने पर उन्हें 1999 में देश छोड़ना पड़ा था, लेकिन साल 2007 में फौजी ताकत के कमजोर पड़ने और लोकतंत्र को लेकर आवाज बुलंद होता देख उन्होंने दोबारा पाक की जमीं पर कदम रखा था।
बेनजीर अपनी सूझबूझ से मुल्क की कमान संभाल रही थीं, लेकिन वह रंजिश का शिकार हो गईं। जिस वतन में उनका जन्म हुआ वहीं उनकी अचानक हत्या कर दी गई। उस दौरान वह एक चुनाव प्रचार में शिरकत कर रही थीं। उनकी हत्या का आरोप पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर भी लगा था। कहा जाता है परवेज अपनी गद्दी गंवाने की वजह से बेनजीर से नाराज थे। हालांकि गेटिंग अवे विद मर्डर के मुताबिक बेनजीर भुट्टो की हत्या के पीछे उनकी सुरक्षा का विस्तार था। मगर इसमें उनके परिवार वालों के शामिल होने पर भी शक गहराया था। उनकी हत्या 27 दिसंबर 2007 को हुई थी।