script1 Dec History : महज 35 साल की उम्र में बेनजीर भुट्टो ने संभाली थी पाक की कमान, इसी मुल्क में हुई उनकी हत्या | Benazir Bhutto was the first lady who elected for PM of muslim country | Patrika News

1 Dec History : महज 35 साल की उम्र में बेनजीर भुट्टो ने संभाली थी पाक की कमान, इसी मुल्क में हुई उनकी हत्या

locationनई दिल्लीPublished: Dec 01, 2020 10:33:04 am

Submitted by:

Soma Roy

Benazir Bhutto : आज यानि 1 दिसंबर के ही दिन बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनी थीं
बेनजीर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की सबसे बड़ी बेटी थीं

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Benazir Bhutto Pakistan former Prime Minister

नई दिल्ली। पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनेजीर भुट्टो (Benazir Bhutto) को उनके तेज तर्रार स्वभाव और बेबाक अंदाज के लिए जाना जाता था। वह पहली ऐसी महिला प्रधानमंत्री (Pakistan Former PM) थीं जिसने किसी मुस्लिम देश की कमान संभाली हो। उन्होंने दो बार ये जिम्मेदारी उठाई। उनकी पॉपुलैरिटी इतनी ज्यादा थी कि उन्हें न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि विदेशों में भी खूब प्यार मिला। मगर साल 2007 में रावलपिंडी में उनकी हत्या कर दी गई। उनकी अचानक हुई मौत से हर कोई हैरान था। हालांकि आज भी ये गुत्थी सुलझ नहीं पाई है।
बेनजीर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की सबसे बड़ी बेटी थीं। अपने पिता को देख उन्होंने सियासत के गुर सीखे थे। उन्होंने अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी। 1977 में बेनजीर लंदन से पाकिस्तान लौट आईं। पिता की मौत के बाद बेनजीर ने राजनीतिक विरासत को संभाला। 1 दिसंबर 1988 को बेनजीर पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। उस वक्त उनकी उम्र महज 35 साल थी।
उतार-चढ़ाव भरा रहा सियासी सफर
बेनजीर भुट्टो दो बार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनीं। पहली बार उन्होंने साल 1988 से 1990 तक राज किया। इसके बाद दूसरी बार वह 1993 से 1996 तक पद पर काबिज रहीं। हालांकि भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी ठहराए जाने पर उन्हें 1999 में देश छोड़ना पड़ा था, लेकिन साल 2007 में फौजी ताकत के कमजोर पड़ने और लोकतंत्र को लेकर आवाज बुलंद होता देख उन्होंने दोबारा पाक की जमीं पर कदम रखा था।
पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ पर लगा था हत्या का आरोप
बेनजीर अपनी सूझबूझ से मुल्क की कमान संभाल रही थीं, लेकिन वह रंजिश का शिकार हो गईं। जिस वतन में उनका जन्म हुआ वहीं उनकी अचानक हत्या कर दी गई। उस दौरान वह एक चुनाव प्रचार में शिरकत कर रही थीं। उनकी हत्या का आरोप पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर भी लगा था। कहा जाता है परवेज अपनी गद्दी गंवाने की वजह से बेनजीर से नाराज थे। हालांकि गेटिंग अवे विद मर्डर के मुताबिक बेनजीर भुट्टो की हत्या के पीछे उनकी सुरक्षा का विस्तार था। मगर इसमें उनके परिवार वालों के शामिल होने पर भी शक गहराया था। उनकी हत्या 27 दिसंबर 2007 को हुई थी।
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